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Introduction of C++ in hindi

हेलो फ्रेंड्स मैं हूँ Ajay and वेलकम to digitaldhnri.com आज के इस टुटोरिअल में हम C++ का intro पढेंगें क्योंकि आज से हम स्टार्ट कर रहें हैं पोस्ट लिखना C++ Programming Topic के ऊपर तो आज का हमारा topic है Introduction to C++

Introduction to C++ in hindi



Table of Contents

  1. Introduction to C++
  2. C++ के 3 important features है।
  3. Object Oriented Principles
  4. A Sample C++ program


Introduction to C++

सबसे पहले हम ये जान लेते हैं की C++ का development कब और किसके द्वारा किया गया था। C के development के बाद, जो कि Dennis Ritchie के द्वारा बेल लैब में किया गया था।

C++ एक Object Oriented Programming language है। C++ Bjarne Stroustrup के द्वारा विकसित किया गया था। C++ के आने से पहले c और Simula 67 दो popular languages थी।

Bjarne Stroustrup इन दोनों languages को मिलाकर एक ऐसी language बनाना चाहता था, जिसमें object oriented programming के सभी features हो। उनकी इस सोच का ही परिणाम C++ था।

जब वे simula language पर वर्क कर रहे थे तो simula पर वर्क करते समय जो की सिमुलेशन में use होता है उन्होंने ये identify किया की जो simula में जो कांसेप्ट use होता है मतलब object oriented का concept उसको C language के साथ ऐड किया जा सकता है और C language को और Easy , powerful software development के लिए बनाया जा सकता है तो उन्होंने simula में use किये जाने वाले OOPs के concept को C language के साथ जोड़ने के लिए स्टार्ट किया। उस समय इसका नाम C With Classes रखा।

C++ को 1979 में Bell laboratories में Develop किया गया था। C++ एक Middle Level Language है। इसमें High Level और Low Level Languages के फीचर्स है। C language के सभी features C++ में पाये जाते है।

1983 में C++ का development हुआ जिसे C with classes नाम दिया गया था उसका नाम बदलकर c++ रखा गया यहाँ पर जो ++ symbol है ये increment के लिए use किया जाता है। चूँकि C++ का development C के ही बेसिस पर किया गया था इसका मतलब है की C++ , C का ही Extension है।


C++ के 3 important features है।

  1. Object Oriented
  2. Low level as well as High level
  3. Easy to learn
C++ कहाँ कहाँ यूज़ की जाती है और आप इसे कैसे इस्तेमाल कर सकते है, आइये जानने का कोशिश करते है।

  1. C++ को ज्यादातर उन software में यूज़ किया जाता है जहाँ Hardware के ऊपर अधिक control की आवश्यकता होती है। जैसे की Device Drivers बनाने के लिए C++ का इस्तेमाल किया जाता है।
  2. C++ एक Multipurpose Programming language है। इसे आप बड़े software बनाने के लिए इस्तेमाल कर सकते है।
  3. आज कल C++ को ज्यादातर Education के purpose से यूज़ किया जाता है। क्योंकि सभी बड़ी languages के features C++ से लिए गए है। यदि आप C++ को सीख गए है तो बाकि languages को भी आसानी से सिख सकते है।
  4. C++ c language का extension है। इसलिए वो सभी software जो c में बनाये जा सकते है वो C++ में भी बनाये जा सकते हैं।
  5. यदि आप चाहते है की आपका software low level पर भी उतने ही अच्छे तरीके से काम करें जितना High level पर तो आप C++ यूज़ कर सकते है।
  6. Mostly जितनी भी नयी programming language है वो pointer को खुलकर support नहीं करती है। यदि आप pointers के इस्तेमाल से कोई software क्रिएट करना चाहते है तो आप C++ का यूज़ कर सकते है।

Object Oriented Principles

  • Class - Class एक user defined data type है। ये C language में यूज़ होने वाली structure की तरह ही होती है। लेकिन classes में आप variable के साथ साथ उनसे related functions भी create कर सकते है जिन्हें बाद में objects के द्वारा access किया जा सकता है। एक class programmer को data centered approach provide करती है। Class के द्वारा आप variables और उनसे related functions को separate कर पाते है। इसके बारे में और अधिक आप C++ - Classes & Objects tutorial से जान सकते है।
  • Objects - जैसा की आपको पता है class एक user defined data type होती है। Class type के variables को objects कहा जाता है। Object के द्वारा आप class के variables और functions को access कर सकते है।
  • Abstraction - Abstraction का मतलब होता है की end user को वही functionality show की जाए जिसकी उसको जरुरत है बाकी background functionality hide कर दी जाए। उदाहरण के लिए जब आप एक car को चलाते है तो आप सिर्फ clutch, gear और steering पर ध्यान देते है, engine किस प्रकार काम कर रहा है इससे आपका कोई मतलब नहीं होता है।
  • Encapsulation - Encapsulation को data hiding भी कहते है। Encapsulation एक object oriented programming feature है जो data members (variables ) और उनसे related functions को bind करता है जैसे की class होती है। साथ ही encapsulation के द्वारा data और functions को outside access से protect किया जाता है। Encapsulation properties 3 level (Public, Private, Protected) का protection provide करती है। C++ में encapsulation classes के माध्यम से implement किया जाता है।
  • Inheritance - Inheritance object oriented programming का concept है जिसमे एक code को दूसरी जगह यूज़ किया जा सकता है। ये principle code re-usability implement करता है। उदाहरण के लिए आप एक class में create किये गए functions को दूसरी class में inherit कर सकते है ऐसा करने से आपको इन functions को दुबारा लिखने की आवश्यकता नहीं होगी और आप इन्हें दोनों ही classes के objects से access कर पाएंगे।
  • Polymorphism - Polymorphism का मतलब एक नाम कई काम होता है। इसमें आप एक नाम से कई तरह के tasks implement करते है। C++ में polymorphism function overloading द्वारा implement किया जाता है जिसमें एक नाम के functions को अलग अलग conditions में execute किया जाता है।
  • Message passing - Object oriented programming में objects एक दूसरे से communicate करते है जिससे program real life condition को represent करता है।

C++ Basic Program

C++ in Hindi - Basic C++ Program in Hindi

C++ Programming को सीखने के लिए मैं आपको सिम्पल सी++ प्रोग्राम बनाने से शुरुआत करूंगा। अाइए सी++ लैंग्वेज के कुछ Example को देखते है

C++ Programming के कुछ Example देख कर और उसके रूल्स देख कर हम आज सी++ basic program को समझते है और छोटे छोटे प्रोग्राम बनाते है।

पहला प्रोग्राम बनाने के लिए हम कुछ टॉपिक को पहले हम समझते है नहीं तो कुछ समझ नहीं आएगा। Programming language basic चीजों को जानना और समझना बहुत जरूरी है।

#include<iostream> को हम सी++ प्रोग्रामिंग में इसलिए यूज करते है ताकि हमारा इनपुट और आउटपुट मिल सके। iostream का मतलब होता है Standard Input Output Stream

iostream library में दो फंक्शन सबसे ज्यादा यूज होते है।

cout // इसका यूज होता है प्रिंट करने के लिए
cin // इसका यूज होता है इनपुट लेने के लिए

#include<conio.h>

इसका यूज हम इसीलिए करते है ताकि display को clear & hold कर सके। ये सी++ programming में ज्यादा यूज होता है। conio का मतलब होता है Console Input & Output।

conio library में दो function सबसे ज्यादा यूज होते है।

clearance(); // इसका यूज होता है स्क्रीन क्लियर करने के लिए
getch (); // इसका यूज होता है स्क्रीन होल्ड करने के लिए

अब हम c++ Programming के कुछ Example देखते है वो भी बिलकुल बेसिक प्रोग्राम।

Hello World Program in C++

Example 1:

#include<iostream>

using namespace std;

int main()

{

       cout<<"Hello World";

       return 0;

}

 
 

Output:

Hello World

अब हम एक और प्रोग्राम बनाते है जिसमें यूजर से इनपुट ले और जो इनपुट लिया है उसे प्रिंट करें।

Example 2:

#include<iostream>

using namespace std;

int main()

{

        char name[10];

        cout<<"Enter your Name : ";

        cin>>name;

        cout<<"Your name is "<<name;

        return 0;

}

 


Output :

आप देख सकते है हम दो प्रोग्राम बनाए है। पहला प्रोग्राम हमने केवल hello world print करवाया है और दूसरा प्रोग्राम में यूजर से इनपुट लेकर उसका नाम प्रिंट करवाया है।

A Sample C++ program

#include<iostream.h>
int main()
{
cout<<"Hello Students";
return 0;
}


इस उदाहरण को निचे समझें।

  1. सबसे पहली line में header file को include किया गया है। Screen पर output show करने के लिए आपको इस header file की जरुरत पड़ती है।
  2. इसके बाद program का main function शुरू किया गया है।
  3. cout function के द्वारा simple message को print किया गया है।
  4. return statement के द्वारा function को return किया गया है।

ऊपर दिया गया program निचे दिया गया output generate करता है।

Hello Students

इस tutorial में आपने C++ की History, Applications और अलग-अलग features के बारे में जाना है।
 
दोस्तो मुझे उम्मीद है की आप Basic C++ Program in Hindi को अच्छी तरह समझ गए होंगे अगर आप को ये पोस्ट अच्छी लगे तो मेरे वेबसाइट को जरूर follow करें और हां आप इसे अपने दोस्तो के साथ जरूर शेयर करें social media पर ।

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