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अपने अवचेतन मन को कैसे बदलें? How to Reprogram Your Subconscious Mind in Hindi



The Power of Subconscious Mind in Hindi

कई दशकों के दौरान, रिसर्च में यह पाया गया है कि हर इंसान के अन्दर काम करने की अद्भुत क्षमता है और इस रिसर्च में की गई सबसे बड़ी खोज यह है कि आपका Subconscious Mind कैसे रिप्रोग्राम हो जाता है और यह आपके जीवन के हर कार्य को कंट्रोल करता है। सबसे पहले आपको यह समझने की आवश्यकता है कि जिस बुद्धिमता ने आपको बनाया है, उसने कोई गलती नहीं की है।

आप अद्भुत क्षमताओं के साथ एक pure intelligent energy है। इस पोस्ट में , जो बातें मैं बताने वाला हूँ, वह आपकी पूरी जिंदगी को हमेशा के लिए बदल सकती है। शर्त केवल इतनी है कि आप मेरी बातों को ध्यान से पढ़ें और समझें, पूरी पोस्ट पढ़ने का कोशिश करें और जो प्रैक्टिस मैं आपको बताने वाला हूँ, उसका उपयोग करने के लिए हर दिन समय निकालें।

आपका दिमाग psycho cybernetics mechanism पर चलता है। Psycho का मतलब है दिमाग और cybernetics का मतलब है self - regulating feedback system , साधारण शब्दों में कहा जाए, तो यह एक ऐसी प्रणाली है, जो ऑटोमेटिकली काम करती है।

इसे एक example से समझते हैं, आप अपने घर के थर्मोस्टेट के बारे में सोचें और कल्पना करें कि वह 70 डिग्री पर सेट है। अगर कोई खिड़की खोलना चाहता है, खिड़की खोलने के बाद जैसे ही थोड़ी गर्मी कमरे के अन्दर आती है तुरंत थर्मो स्टेट को पता लग जाता है कि कमरे का तापमान थोड़ा बढ़ गया है। तब वह एक दिमाग की तरह ऑटोमेटिकली अपने इलेक्ट्रिकल system के द्वारा furnace को सिग्नल भेजता है। कि एयर कंडीशनिंग को चालू किया जाए, यह सब कुछ ही सेकंड के अन्दर हो जाता है और एयर कंडीसनर तब तक ठंडी हवा फेकता है जब तक कि कमरे का तापमान थर्मोस्टेट के original set temperature तक नहीं पहुंच जाता।

Belief System

बचपन में इसी तरह से हमारे दिमाग को प्रोग्राम करके नए बिलीफ सिस्टम बनाए जाते हैं और पैदा होने के 7 साल की उम्र तक हमारे दिमाग में ढेर सारी इन्फॉर्मेशन डाली जाती है। इस दौरान हमारा दिमाग theta mode में काम करता है और हम सीखते है कि हम कैसी प्रतिक्रिया दें, लोगों के साथ किस तरह का व्यवहार करें और हम अपने बारे में विशेष जानकारी हासिल करते है।

इस दौरान हमारे कांसियस माइंड में सोचने और समझने की क्षमता नहीं होती है और जो कुछ भी हमें सिखाया जाता है। वह हम अपने माता-पिता से सीखते हैं, अपने टीचर से सीखते हैं और आसपास के लोगों से सीखते हैं। कुछ बिलीफ सिस्टम हम अपने एक्सपीरियंस के द्वारा बनाना शुरू करते हैं। जो एक mental program की तरह automatically हमारे subconscious mind में बैठ जाता है और एक बार जब यह मेंटल प्रोग्राम हमारे subconscious माइंड में बैठ जाते हैं, तब उस थर्मोस्टेट की तरह यह automatically काम करने लगते हैं।

कहने का अर्थ यह है कि आपका दिमाग दुनिया का सामना करने लगता है। जब आप अपने जीवन में कोई परमानेंट बदलाव लाने की कोशिश करते हैं, तब बिलकुल उस थर्मोस्टेट की तरह इस सिस्टम को वह बदलाव मुश्किल लगने लगते हैं और यह सिस्टम हर मुमकिन कोशिश करके आपके internal set program में बदलाव लाने से रोकता है जो पहले से आपके subconscious माइंड में बैठ चुके हैं।

आपके जीवन का 95% कार्य आपके subconscious प्रोग्राम से चलता है। आपका subconscious mind सटीकता के साथ थर्मोस्टेट की तरह तेजी से काम करता है। लेकिन जब तक आप अपने अन्दर कोई बदलाव नहीं लेकर आएंगे। तब तक आपकी बाहरी दुनिया में कभी कोई बदलाव नहीं आ सकता है।आपका subconscious mind आपका power source है।

For Example, अगर आप अपने financial status को बढ़ाना चाहते हैं, और इसे आप अपने subconscius माइंड में reprogram नहीं कर रहे हैं। तब कुछ महीने ऐसे आएंगे, जब आप जितने पैसे कमाते हैं, उससे कहीं ज्यादा पैसे कमाने लग जाएंगे। और जैसे-जैसे आपको अच्छे रिजल्ट मिलना शुरू हो जाएंगे, आपका cybernetic mechanism इस बदलाव को महसूस करने लगेगा। और आपको वैसा ही व्यवहार करने पर मजबूर कर देगा, जैसा आप पहले से करते आए थे। आपका subconscious mind आपको बिना बताए, आपको पहले जैसा व्यवहार करने के लिए हर मुमकिन कोशिश करने लगेगा।

और कुछ दिन temporary result मिलने के बाद आपको वैसा ही रिजल्ट मिलने लग जाएगा, जैसा आपको लगता है कि आपको मिलना चाहिए और जब ऐसा होता है, तब आपको खुद पर संदेह होने लगता है, आप खुद से सवाल पूछने लगते हैं कि क्या आप अपनी रियलिटी को बदलने के काबिल है या नहीं। इसका जवाब है, हाँ बिलकुल, इसके लिए सबसे पहले आपको अपने subconscious mind के internal प्रोग्राम को बदलना होगा।

अगर आप अपनी जिंदगी में अच्छे बदलाव लाने के लिए अपने sabconscious mind के internal program को बदलना चाहते है तब आपको इन internal program को समझना होगा और उन्हें बदलने के लिए लगातार काम करते रहना होगा। यानि कि आपको यह समझना होगा कि आप अपनी जिंदगी में क्या बदलाव लाना चाहते हैं।

आपके दिमाग के conscious और subconscious mind के सीखने का तरीका अलग - अलग होता है।

Conscious mind को क्रिएटिव mind कहा जाता है, जो किताब पढ़ने, लेक्चर सुनने, किसी वीडियो को देखने या किसी आर्टिकल को पढ़ने से सीख सकता है, यह आपकी सभी इच्छाओं और आकांक्षाओं का source है।

आपका subconscious mind आपकी हैबिट से बनता है, इसमें बदलाव लाना मुश्किल होता है और यह आपके conscious mind से बिलकुल अलग तरीके से काम करता है।

चलिए जानते हैं कि आपका subconscious mind कैसे काम करता है। किसी भी पल जब आप कोई newspaper या मैगज़ीन को पढ़ने के लिए खोलते हैं, तब आपका subconscious mind उस न्यूज़ पेपर में लिखे हर शब्द को स्कैन करने लगता है। और इस प्रक्रिया के दौरान आपका subconscious mind इतनी तेजी से काम करता है कि यह तुरंत उन शब्दों को खोज लेता है जिसे पहले कभी आपने सुना होगा या उसके बारे में जानते होंगे। यह आपको आपके जन्म स्थान से संबंधित कोई शब्द दिखा सकता है, आपके करियर से संबंधित या फिर आप अपने फाइनेंस के बारे में कैसा महसूस करते हैं यह तुरंत उन शब्दों का पता लगा लेता है, जो आपकी जिंदगी से संबंधित है। आपके subconscious mind को तुरंत पता लग जाता है कि कौन सी जानकारी आपकी फील्ड से संबंधित है और उसकी तरफ आपको फोकस करने पर मजबूर करने लगता है। आपके subconscious mind की तुलना में आपका conscious mind इतना धीमा होता है कि यह वास्तव में नहीं समझ पाता कि ये सारी चीजें कैसे और क्यों होती है। आपका subconscious mind आपके conscious mind से हमेशा तीन कदम आगे चलता है।

और अगर आप अपने subconscious mind को सही से रिप्रोग्राम करना सीख जाते हैं, तो यह आपको आगे बढ़ने, अपनी मंजिल तक पहुंचने और उन चीजों को हासिल करने में मदद कर सकता है, जो आप चाहते हैं।

आप अपने Subconscious Mind में बदलाव कैसे ला सकते हैं?

अब सवाल ये आता है कि आप अपने subconscious mind में बदलाव कैसे ला सकते हैं?

आपका subconscious mind कैसे सीखता है, इसका पहला स्टेप यह है कि कौन से बिलीफ सिस्टम या प्रोग्राम आपकी प्रोग्रेस को रोक रहे है। आप हमेशा उसी के अनुसार काम करते हैं और आपको हमेशा वैसा ही रिजल्ट मिलता है, जैसा अपने बारे में सच होने की कल्पना करते हैं। यह आपके दिमाग का basic fundamental law है और हम सब इसी तरह से बने हैं। इसीलिए सबसे पहले आपको यह समझने की आवश्यकता है कि आप अपने limits और potential पर डाउट करना बंद कर दें। और खुद से सवाल पूछें कि संदेह और डर, जो आपको रोकने की कोशिश कर रहे हैं, वह कहाँ से आता है, और आप इसे अपने दिमाग से हमेशा के लिए कैसे हटा सकते हैं।

इस पोस्ट की शुरुआत में मैंने आपको बताया था कि आपके दिमाग की क्षमता शक्ति कितनी तेज है और यह पावर पहले से आपके अंदर है। आपके conscious mind में उन चीजों के बारे में जानने की क्षमता होती है, जो आप पसंद करते हैं और जो आसानी से आपके जीवन में आती है। आपका subconscious mind इसके विपरीत काम करने की अनुमति देता है, यह किसी भी चीज को पहचान सकता है कि आपको अपने internal प्रोग्राम को बदलने के लिए कितनी कड़ी मेहनत करनी होगी और उन्हें बदलने के लिए, जितना संघर्ष आपको करना पड़ता है, वह सब आपके subconscious प्रोग्राम की वजह से होता है, क्योंकि वह उन्हें सपोर्ट नहीं करता है। अगर आप अपनी रियलिटी को बदलना चाहतर हैं तो पता लगाने का बहुत ही महत्वपूर्ण तरीका है कि कौन से प्रोग्राम आपके लिए काम कर रहे हैं और किन प्रोग्राम को बदलने की आवश्यकता है।

अपने subconscious beliefs को समझने और कौन से beliefs आपको रोक रहे हैं, इसे जानने का दूसरा तरीका है muscles testing इस टेक्निक में आप खुद से पूछकर यह पता लगाते हैं कि आपके दिमाग में पहले से कौन से beliefs है। और किन beliefs को बदलने कि आवश्यकता है। आपका subconscious mind एक कंप्यूटर की तरह है, जो आपके muscle coordination और action को कंट्रोल करता है। शरीर के भीतर और अपने आसपास की मांसपेशियों को व्यवस्थित करने के लिए इसे भारी calculation की जरुरत पड़ती है।

यह एक इलेक्ट्रिकल नेटवर्क की तरह है, जिसके अंदर pure energy होती है, क्योंकि आपकी बॉडी कि मसल्स में लगातार एनर्जी बहती रहती है और अगर आपकी बॉडी के इलेक्ट्रिकल सिस्टम में कोई प्रभाव डालने की कोशिश करता है। जिसकी वजह से आप अपनी बॉडी के बैलेंस को सही तरीके से मेंटेन नहीं कर पाते हैं, तब आपकी मसल्स कमजोर पड़ने लगती है। लेकिन केवल आपके temporary thoughts, emotions और beliefs आपके इलेक्ट्रिकल सिस्टम पर खास प्रभाव डालते हैं। इसीलिए जब आपका subconscious mind किसी बिलीफ को मानने से इंकार कर देता है। तब ये आपके muscles में कमजोरी का कारण बनता है और आपको इस बात का अच्छा संकेत मिल जाता है कि आपको किस बिलीफ पर काम करने की आवश्यकता है।

For Example, अगर आप कहते हैं

'I love myself '
"मैं खुद से प्यार करता हूँ"

अगर आपका subconscious mind इस बात को नहीं मानता है तो ये बिलीफ आपकी muscles में momentary short - circuit का कारण बनता है और आप अपने muscles की मदद से पता लगा सकते हैं कि कौन से emotions या events आपको कमजोर या मजबूत बनाते हैं।

यह बहुत ही आसान तरीका है, जिससे आप अपनी बॉडी से पूछ सकते हैं। और अपने subconscious mind को टेलीफ़ोन की तरह इस्तेमाल करके स्पष्ट उत्तर प्राप्त कर सकते हैं। एक बार उत्तरों की पहचान हो जाने के बाद, आप उन लोगों के लिए एक नया प्रोग्राम बनाने पर काम कर सकते हैं।

Sway test एक बहुत ही आसान टेक्निक है, जो बताती है कि आपके thoughts, emotions और beliefs आपके nervous system में एक अलग response पैदा करते हैं। जिससे आपका motor response या body के movement को प्रभावित करता है।

आप इन exercises को खड़े होकर या एक चेयर में बैठकर भी कर सकते हैं।

Step 1 Standard

अपने पैरों को आगे की ओर इशारा करते हुए सीधे बैठें सुनिश्चित करें कि आपके दोनों पैर सीधे की ओर है ना थोड़ा अंदर है और ना है थोड़ा बाहर मुड़े हुए हैं।

अपने दोनों हाथों को साइड में रखते हुए नीचे करके अपने शरीर को आराम दें

Step 2 Accuracy Check

इस step में आप accuracy check करने वाले है कि जिस पर आपका subconscious mind विश्वास करता है और जो प्रोग्राम आपके subconscious mind में बैठे हैं, उस पर आपकी बॉडी कैसे react करती है। सबसे पहले अपने दिमाग में एक थॉट लाएं, जो आपको लगता है कि आपका subconscious mind सही जवाब देगा, जैसे कि आपका नाम इसके बाद अपने subconscious mind के जवाब को अपनी बॉडी में महसूस करें, अगर आपका subconscious mind हाँ कहता है। तो आपको सबसे common response मिलेगा कि आपकी बॉडी थोड़ा आगे की ओर झुक जाएगी और अगर आपकी बॉडी पीछे की ओर झुक रही है, इसका मतलब उसका जवाब ना है।

अब एक ऐसे नाम के बारे में सोचें, जो आपका नाम नहीं है और फिर अपनी बॉडी के response को महसूस करें। इसी तरह से अगर आप सोचते है कि आप अपनी इच्छा के प्रति एलाइनमेंट में है, तो आप sway test से पता लगा सकते है कि आपका subconscious mind आपकी इच्छा के बारे में क्या सोचता है। For Example, अगर आपको अपने साथी को आकर्षित करने में या उनके साथ healthy relationship रखने में दिक्क़त आ रही है तो इस टेस्ट की मदद से आप अपने muscles के response से आसानी से पता लगा सकते हैं कि आपके दिमाग में किस तरह के subconscious belief stored है, इसके बाद आप खुद से कह सकते हैं

"I am worthy of being in a healthy relationship"
"मैं एक स्वस्थ रिश्ते में रहने के योग्य हूँ।"

और आप अपनी बॉडी के response से पता लगा सकते हैं कि कौन से beliefs आपको इसे मानने से रोक रहे हैं। यानि इस स्टेटमेंट को अपने subconscious mind में रिप्रोग्राम करने से रोक रहे हैं। इस तरह से आप अपने सारे affirmations की accuracy test कर सकते है और एक बार आपको पता लग जाएगा कि कौन से beliefs आपकी इच्छा पूरी होने से रोक रहे हैं, तब आप उन्हें बदलकर अपने subconscious mind को रिप्रोग्राम कर सकते है।

अपने Beliefs System को कैसे बदल सकते हैं ?

चलिए जानते हैं कि आप इन beliefs को कैसे बदल सकते हैं?

आपकी जिंदगी शुरू होने के 7 साल की उम्र तक आपका दिमाग low vibrational frequency में रहता है, इसका मतलब hypnosis यानि सम्मोहन की स्थिति पर काम करता है। आपके दिमाग के दाएं और बाएं भाग दोनों एक साथ काम करते हैं। इस frequency में आप किसी भी चीज को आसानी से याद करने में समर्थ होते हैं और आप visualisation या मेडिटेशन की मदद से अपने दिमाग में नये beliefs बना सकते हैं।

कभी - कबार आपके डेली रूटीन के दौरान आपके दिमाग का right hemisphere, जिसे intellectual side भी कहा जाता है। वह ज्यादा dominant यानि प्रभावी होता है और दिनचर्या के दूसरे समय आपके दिमाग का left hemisphere जिसे emotional side भी कहा जाता है वह ज्यादा dominant होता है

इस तरह से यह ज्वार की तरह हमेशा बदलते रहते हैं और एक दूसरे के साथ तालमेल नहीं बिठा पाते। जब आपके दिमाग के दोनों भाग एक साथ काम नहीं कर पाते हैं तब अपने दिमाग में नए beliefs को डालना मुश्किल होता है। लेकिन सौभाग्य से दिन भर में कुछ ऐसे moments भी आते है जब आपका दिमाग synchronized condition में होता है और यही वह सही समय है, जब आप बिना किसी रूकावट के अपने subconscious mind में बदलाव ला सकते हैं।

जैसे -जैसे आप नींद की ओर बढ़ते हैं और consciousness से गहरी नींद में जाने के समय के दौरान आपका दिमाग एक बच्चे की तरह theta wave या सम्मोहन की अवस्था में होता है। इएरफ़ोन के उपयोग के माध्यम से जब आप सोते है, तब आप अपने intentional affirmations की मदद से अपने subconscious mind में नए प्रोग्राम को direct download करने के काबिल बनते हैं।

इस तरह से आप अपने subconscious mind में नए information डालकर उसे रिप्रोग्राम कर सकते हैं। आप चाहे तो अपने affirmations को low background noise की तरह दिन में भी सुन सकते हैं। जब आप इन affirmations को बार बार लगातार सुनते हैं तब आपका subconscious mind उन रूकावटों को पहचानता है और उन्हें रिजेक्ट करता जाता है। दूसरी एक्सरसाइज बहुत ही सिंपल है, 7 साल की उम्र के बाद आप किसी भी चीज को बार - बार दोहराकर, उसे अपनी हैबिट बना सकते हैं।

For example, अगर आप self-help book पढ़ते हैं तब आपके conscious mind में इसे समझने की क्षमता होती है। लेकिन आपका subconscious mind इससे कुछ नहीं सीखता, क्योंकि आप केवल उसे एक बार पढ़ते हैं और इस तरह से आपका subconscious mind नहीं सीखता है। अगर आप उस किताब में लिखे गए मैसेज को बार-बार रिपीट करते हैं, जिस तरह से आपने अपने intentions को किया था और उसी तरह से consciously behave करते हैं, तब कुछ समय के बाद आपका subconscious mind उस नए बेहेवियर को सीख जाता है और यह आपके subconscious mind को रिप्रोग्राम करने का बहुत ही effective तरीका है। For example, अगर आपको अपनी बॉडी में महसूस होता है कि आप बहुत अकेले हैं या आपको अकेलापन महसूस होता है। तब तुरंत उन इमोशंस को redirect करके consciously सोचना शुरू करें कि प्यार में पड़ा इंसान इस सिचुएशन में क्या करता होगा?

उसके चेहरे पर किस तरह के भाव रहते होंगे? अगर हम इन दोनों techniques को जोड़ दें, यानि सम्मोहन की अवस्था में बार-बार अपने affirmations को रिपीट करने से आप निश्चित तरीके से अपने subconscious program की गहराई में जाकर उनमें बदलाव ला सकते हैं और अपनी इच्छा पूरी करने के लिए आपके दिमाग के दोनों भाग एक साथ तालमेल में काम करने लगते है। इन exercises को कुछ हफ्तों तक करने से आप muscles test की मदद से पता लगा सकते हैं कि आपकी बॉडी नए beliefs पर कैसा रिस्पांस देती है। अगर आप लगातार और consciously अपने beliefs को बदलने कि कोशिश करते रहते हैं, तब आपका subconscious mind कोई रूकावट पैदा नहीं करता है और आप अपनी इच्छा के अनुरूप अपने दिमाग में नए beliefs बना सकते हैं। जब आप नए beliefs के अनुसार काम करने लगते हैं, तब आप जो चाहे उसे अपनी जिंदगी में आकर्षित कर सकते हैं।

"मैं पीड़ित हूँ" से लेकर "मैं master हूँ" "मैं अपनी जिंदगी को कंट्रोल करता हूँ" इस नए दृष्टिकोण को बनाने के काबिल बनते है और आप अपने दिमाग कि शक्ति से अपनी नई रियलिटी का निर्माण कर सकते हैं।
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