कंप्यूटर हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर प्रोग्राम द्वारा दिए गए निर्देशों के आधार पर प्रक्रियाओं व गणनाओं का संचालन करता है!
आजकल दुनिया के हर क्षेत्र में कंप्यूटर का प्रयोग हो रहा है जैसे- अंतरिक्ष, फिल्म निर्माण, एयरपोर्ट, अस्पताल, यातायात, उद्योग, व्यापार, रेलवे स्टेशन, स्कूल, कॉलेज computerized एकाउंटिंग आदि कंप्यूटर द्वारा आज हर काम सटीकता और तेजी से हो रहा है। आज कंप्यूटर हमारी जिंदगी का अभिन्न भाग बन चुका है, और कंप्यूटर हमारी दिनचर्या का एक हिस्सा भी है यह एक इलेक्ट्रॉनिक मशीन है जो कुछ तय निर्देशों के अनुसार कार्य को पूरा करता है।
कंप्यूटर वह है जो इनपुट उपकरणों की मदद से आँकड़ों को स्वीकार करता है उन्हें प्रोसेस करता है और उन आँकड़ों को आउटपुट उपकरणों की मदद से सूचना के रूप में हमे प्रदान करता है। कंप्यूटर सॉफ्टवेयर या हार्डवेयर प्रोग्राम द्वारा दिए गए निर्देशों के आधार पर प्रक्रियाओं, गणनाओं का संचालन करता है। यह एप्लीकेशन को एक्सीक्यूट (निष्पादित) करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। तो चलिए बताते है आपको कंप्यूटर क्या है? और कंप्यूटर का आविष्कार किसने किया? था।
कंप्यूटर केवल वह काम करता है जो हम उसे करने को कहते है यानी केवल कंप्यूटर उन कमांड्स को फॉलो करता है जो पहले से कंप्यूटर के अन्दर डाले गये होते है, कंप्यूटर के अन्दर सोचने समझने की क्षमता नहीं होती है। कंप्यूटर के द्वारा हम घर बैठे हमारे कई काम आसानी से कर सकते है।
Computer Full Form:
COMPUTER का FULL FORM – COMMON OPERATING MACHINE PARTICULARLY USED IN TECHNOLOGY EDUCATION AND RESEARCH
Computer का Hindi नाम क्या है :
कंप्यूटर को हिंदी में – संगणक कहते है !
उन्होंने Computer का अविष्कार सन 1822 के लगभग किया था। 1822 में चार्ल्स बैबेज ने पहली स्वचालित कम्प्यूटिंग मशीन बनायीं थी। यह मशीन एक सीमित प्रकार की गणना करती थी और उसका रिजल्ट हमे हार्ड कॉपी के रूप में प्रदान करती थी। पैसों की कमी के कारण चार्ल्स बैबेज इस मशीन पर आगे काम नही कर सके।
मानव के लिए गणना करना शुरु से ही कठिन रहा है कोई भी व्यक्ति बिना किसी मशीन के एक सीमित स्तर तक ही गणना कर सकता है एवं ज्यादा बडी गणना करने के लिए मनुष्य को मशीन पर ही निर्भर रहना पड़ता है इसलिए गणना करने के लिए मनुष्य ने Computer का अविष्कार किया।
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वैक्यूम टूयूब्स – कंप्यूटर की पहली पीढ़ी में इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल्स को कण्ट्रोल करने के लिए वैक्यूम ट्यूब्स का उपयोग किया गया सबसे पहले उन्ही के द्वारा कंप्यूटर की कल्पना साकार हुई। ये कंप्यूटर आकार में बड़े तथा ज्यादा गर्मी उत्पन्न करते थे तथा उनमें टूट-फुट और खराब होने की संभावना अधिक रहती थी। इसकी गणना करने की क्षमता भी काफी कम थी और पहली पीढ़ी के कंप्यूटर ज्यादा स्थान घेरते थे। पहली पीढ़ी के कंप्यूटर का आकार लगभग एक कमरे के बराबर होता था।
ट्रांजिस्टर – दूसरी पीढ़ी में ट्रांजिस्टर का आविष्कार हुआ, इस पीढ़ी के कंप्यूटरों में ट्रांजिस्टरों का एक साथ प्रयोग किया जाने लगा था, जो वैक्यूम टूयूब्स की अपेक्षा अधिक सक्षम और सस्ते होते थे। इस पीढ़ी में वैक्यूम टूयूब्स के स्थान पर ट्रांजिस्टर का उपयोग किया जाने लगा। ट्रांजिस्टर का आकार वैक्यूम टूयूब्स की तुलना में काफी छोटा होता है, जिससे कंप्यूटर का आकार छोटा हुआ और उनकी गणना करने की क्षमता अधिक और तेज हो गयी।
इंटीग्रेटेड सर्किट – कंप्यूटर के आकार को और छोटा करने हेतु तकनीकि प्रयास किये जाते रहे, जिसके परिणाम स्वरूप सिलकोन चिप पर इंटीग्रेटेड सर्किट (IC) का निर्माण होने से कंप्यूटर में इनका उपयोग किया जाने लगा। जिसके फलस्वरूप कंप्यूटर का अब तक के सबसे छोटा आकार करना संभव हो सका इनकी गति माइक्रो सेकंड से नेनो सेकंड तक की थी, जो स्माल स्केल इंटीग्रेटेड सर्किट के द्वारा संभव हो सकी।
माइक्रोप्रोसेसर – चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर में माइक्रोप्रोसेसर का प्रयोग किया गया। वी.एस.एल.आई. की प्राप्ति से एक चिप पर हजारों ट्रांजिस्टर लगाए जा सकते थे। चौथी पीढ़ी में कंप्यूटर का आकार और छोटा किया गया और माइक्रोप्रोसेसर के द्वारा इसकी गति भी काफी बढ़ गयी, जिससे यह आकार में छोटा और गतिशील बन सका।
आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस – पाँचवीं पीढ़ी के कंप्यूटर कृत्रिम बुद्धि पर आधारित है, कंप्यूटर की जो अगली पीढ़ी है जिस पर अभी काम चल रहा है और कुछ हद तक सफलता भी मिल चुकी है जैसे की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित कंप्यूटर। इस प्रकार के कंप्यूटर सभी काम खुद करने में सक्षम होंगे, इस तरह के कंप्यूटर को हम रोबोट, और कई अलग प्रकार के मशीनों में देख सकते है जो मानव से भी अधिक काम करने में सक्षम होगा।
प्रथम कंप्यूटर के आने से लेकर अब के कंप्यूटर में विभिन्न तरह के परिवर्तन देखने को मिले है कंप्यूटर मुख्यतः चार प्रकार के होते है:
आजकल दुनिया के हर क्षेत्र में कंप्यूटर का प्रयोग हो रहा है जैसे- अंतरिक्ष, फिल्म निर्माण, एयरपोर्ट, अस्पताल, यातायात, उद्योग, व्यापार, रेलवे स्टेशन, स्कूल, कॉलेज computerized एकाउंटिंग आदि कंप्यूटर द्वारा आज हर काम सटीकता और तेजी से हो रहा है। आज कंप्यूटर हमारी जिंदगी का अभिन्न भाग बन चुका है, और कंप्यूटर हमारी दिनचर्या का एक हिस्सा भी है यह एक इलेक्ट्रॉनिक मशीन है जो कुछ तय निर्देशों के अनुसार कार्य को पूरा करता है।
कंप्यूटर वह है जो इनपुट उपकरणों की मदद से आँकड़ों को स्वीकार करता है उन्हें प्रोसेस करता है और उन आँकड़ों को आउटपुट उपकरणों की मदद से सूचना के रूप में हमे प्रदान करता है। कंप्यूटर सॉफ्टवेयर या हार्डवेयर प्रोग्राम द्वारा दिए गए निर्देशों के आधार पर प्रक्रियाओं, गणनाओं का संचालन करता है। यह एप्लीकेशन को एक्सीक्यूट (निष्पादित) करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। तो चलिए बताते है आपको कंप्यूटर क्या है? और कंप्यूटर का आविष्कार किसने किया? था।
Computer क्या है
कंप्यूटर शब्द अंग्रेजी भाषा के “Compute” शब्द से बना है, जिसका अर्थ है “गणना” करना, Computer Ka Aviskar कैलकुलेशन (गणना) करने के लिये हुआ था, पुराने समय में कंप्यूटर का उपयोग केवल गणना करने के लिये किया जाता था। किन्तु आज कंप्यूटर का उपयोग डाक्यूमेन्ट बनाने, ई-मेल भेजने और प्राप्त करने, संगीत देखने और सुनने, मनोरंजन, गेम्स खेलने के साथ-साथ और भी अन्य कामों में किया जा रहा है जैसे- बैकों में, शैक्षणिक संस्थानों में, कार्यालयों में, घरों में, दुकानों आदि में कंप्यूटर का उपयोग किया जा रहा है।कंप्यूटर केवल वह काम करता है जो हम उसे करने को कहते है यानी केवल कंप्यूटर उन कमांड्स को फॉलो करता है जो पहले से कंप्यूटर के अन्दर डाले गये होते है, कंप्यूटर के अन्दर सोचने समझने की क्षमता नहीं होती है। कंप्यूटर के द्वारा हम घर बैठे हमारे कई काम आसानी से कर सकते है।
Computer का Full Form क्या है
हम सभी जानते है कि आज कंप्यूटर का महत्व व उपयोग कितना बढ़ गया है हम में से बहुत से लोग कंप्यूटर का उपयोग करते है और कुछ तो दिनभर ही कंप्यूटर पर कार्य करने में लगे रहते है परन्तु कई लोगों को Computer का फुल फॉर्म क्या होता है ? के बारे में पता नहीं होता और क्या आप जानते है कि Computer का पूरा नाम क्या होता है, अगर आपका जवाब ना है तो आइये हम बताते है कंप्यूटर का पूरा नाम।Computer Full Form:
COMPUTER का FULL FORM – COMMON OPERATING MACHINE PARTICULARLY USED IN TECHNOLOGY EDUCATION AND RESEARCH
Computer का Hindi नाम क्या है :
कंप्यूटर को हिंदी में – संगणक कहते है !
Computer का अविष्कार किसने किया था ?
कंप्यूटर का आविष्कार चार्ल्स बैबेज ने किया था, चार्ल्स बैबेज को कंप्यूटर का पिता (Computer के जनक ) कहा जाता है। चार्ल्स बैबेज एक अंग्रेज विद्वान थे। वह एक गणितज्ञ, दार्शनिक, आविष्कारक और यांत्रिक इंजीनियर थे, जो वर्तमान में सबसे अच्छे कंप्यूटर प्रोग्राम की अवधारणा के लिए याद किये जाते है।उन्होंने Computer का अविष्कार सन 1822 के लगभग किया था। 1822 में चार्ल्स बैबेज ने पहली स्वचालित कम्प्यूटिंग मशीन बनायीं थी। यह मशीन एक सीमित प्रकार की गणना करती थी और उसका रिजल्ट हमे हार्ड कॉपी के रूप में प्रदान करती थी। पैसों की कमी के कारण चार्ल्स बैबेज इस मशीन पर आगे काम नही कर सके।
Computer का history
कंप्यूटर का इतिहास काफी पुराना है। लगभग 3000 वर्ष पहले अबेकस (Abacus) नामक गणना करने वाले एक विचित्र यंत्र का अविष्कार हुआ था, इस यंत्र का अविष्कार चीन में हुआ था। अबेकस नामक यंत्र में कई छडें होती थी, जिनमें कुछ गोले के आकार की रचनाये होती थी। जिनके माध्यम से जोड़ और घटाने का कार्य किया जाता था। परन्तु अबेकस के द्वारा गुणन और विभाजन का कार्य नहीं किया जा सकता था।मानव के लिए गणना करना शुरु से ही कठिन रहा है कोई भी व्यक्ति बिना किसी मशीन के एक सीमित स्तर तक ही गणना कर सकता है एवं ज्यादा बडी गणना करने के लिए मनुष्य को मशीन पर ही निर्भर रहना पड़ता है इसलिए गणना करने के लिए मनुष्य ने Computer का अविष्कार किया।
जरूर पढ़े:
साइबर अपराध क्या है ? – What is Cyber Crime ?
Binary Hindi में! Binary Number System क्या हैं?
Computer की Generation
कंप्यूटर का विकास पाँच पीढ़ियों में हुआ है जिसमें प्रथम इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस सन् 1946 में वैक्यूम ट्यूब (Vacuum Tube) युक्त था। इसी से ही कंप्यूटर के विकास को एक आधार प्रदान किया गया। कंप्यूटर के विकास में कई डिवाइसेस की सहायता से कंप्यूटर ने तब से लेकर आज तक की यह यात्रा की है तथा इस क्रम में Computer की पीढियों में विभिन्न तरह के परिवर्तन देखने को मिले।कंप्यूटर की पहली पीढ़ी (First Generation Computer) – 1940-1956
वैक्यूम टूयूब्स – कंप्यूटर की पहली पीढ़ी में इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल्स को कण्ट्रोल करने के लिए वैक्यूम ट्यूब्स का उपयोग किया गया सबसे पहले उन्ही के द्वारा कंप्यूटर की कल्पना साकार हुई। ये कंप्यूटर आकार में बड़े तथा ज्यादा गर्मी उत्पन्न करते थे तथा उनमें टूट-फुट और खराब होने की संभावना अधिक रहती थी। इसकी गणना करने की क्षमता भी काफी कम थी और पहली पीढ़ी के कंप्यूटर ज्यादा स्थान घेरते थे। पहली पीढ़ी के कंप्यूटर का आकार लगभग एक कमरे के बराबर होता था।
कंप्यूटर की दूसरी पीढ़ी (Second Generation Computer) – 1956-1963
ट्रांजिस्टर – दूसरी पीढ़ी में ट्रांजिस्टर का आविष्कार हुआ, इस पीढ़ी के कंप्यूटरों में ट्रांजिस्टरों का एक साथ प्रयोग किया जाने लगा था, जो वैक्यूम टूयूब्स की अपेक्षा अधिक सक्षम और सस्ते होते थे। इस पीढ़ी में वैक्यूम टूयूब्स के स्थान पर ट्रांजिस्टर का उपयोग किया जाने लगा। ट्रांजिस्टर का आकार वैक्यूम टूयूब्स की तुलना में काफी छोटा होता है, जिससे कंप्यूटर का आकार छोटा हुआ और उनकी गणना करने की क्षमता अधिक और तेज हो गयी।
कंप्यूटर की तीसरी पीढ़ी (Third Generation Computer) – 1964-1971
इंटीग्रेटेड सर्किट – कंप्यूटर के आकार को और छोटा करने हेतु तकनीकि प्रयास किये जाते रहे, जिसके परिणाम स्वरूप सिलकोन चिप पर इंटीग्रेटेड सर्किट (IC) का निर्माण होने से कंप्यूटर में इनका उपयोग किया जाने लगा। जिसके फलस्वरूप कंप्यूटर का अब तक के सबसे छोटा आकार करना संभव हो सका इनकी गति माइक्रो सेकंड से नेनो सेकंड तक की थी, जो स्माल स्केल इंटीग्रेटेड सर्किट के द्वारा संभव हो सकी।
कंप्यूटर की चौथी पीढ़ी (Fourth Generation Computer) – 1971-1985
माइक्रोप्रोसेसर – चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर में माइक्रोप्रोसेसर का प्रयोग किया गया। वी.एस.एल.आई. की प्राप्ति से एक चिप पर हजारों ट्रांजिस्टर लगाए जा सकते थे। चौथी पीढ़ी में कंप्यूटर का आकार और छोटा किया गया और माइक्रोप्रोसेसर के द्वारा इसकी गति भी काफी बढ़ गयी, जिससे यह आकार में छोटा और गतिशील बन सका।
कंप्यूटर की पाँचवीं पीढ़ी (Fifth Generation Computer) – 1985-आज तक
आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस – पाँचवीं पीढ़ी के कंप्यूटर कृत्रिम बुद्धि पर आधारित है, कंप्यूटर की जो अगली पीढ़ी है जिस पर अभी काम चल रहा है और कुछ हद तक सफलता भी मिल चुकी है जैसे की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित कंप्यूटर। इस प्रकार के कंप्यूटर सभी काम खुद करने में सक्षम होंगे, इस तरह के कंप्यूटर को हम रोबोट, और कई अलग प्रकार के मशीनों में देख सकते है जो मानव से भी अधिक काम करने में सक्षम होगा।
Computer के प्रकार
प्रथम कंप्यूटर के आने से लेकर अब के कंप्यूटर में विभिन्न तरह के परिवर्तन देखने को मिले है कंप्यूटर मुख्यतः चार प्रकार के होते है:
- सुपर कंप्यूटर (Supercomputer)
- मेनफ़्रेम कंप्यूटर (Mainframe Computer)
- मिनी कंप्यूटर (Minicomputer)
- माइक्रो कंप्यूटर (Microcomputer)
सुपर कंप्यूटर
यदि परफॉरमेंस और डाटा प्रोसेसिंग की बात की जाये तो इस मामले में सबसे शक्तिशाली कंप्यूटर सुपर कंप्यूटर है। यह विशेष और कार्य विशिष्ट कंप्यूटर है जिनका उपयोग बड़े संगठनों द्वारा किया जाता है। सुपर कंप्यूटर के उपयोग अनुसंधान और अन्वेषण उद्देश्यों के लिए किया जाता है, जैसे- नासा अंतरिक्ष शटल को लॉन्च करने, नियंत्रित करने और अंतरिक्ष अन्वेषण उद्देश्य के लिए सुपर कंप्यूटर का उपयोग करते है।
मेनफ्रेम कंप्यूटर
मेनफ्रेम कंप्यूटर सुपर कंप्यूटर की तुलना अधिक में शक्तिशाली नहीं है, लेकिन ये काफी महंगे होते है। इनका उपयोग कई बड़ी फर्म और सरकारी संगठन अपने व्यवसाय के संचालन के लिए करते है। आकार में बड़े होने के कारण मेनफ्रेम कंप्यूटरों को वातानुकूलित कमरों में रखा जाता है। सुपर कंप्यूटर की डाटा स्टोरेज क्षमता काफी बड़ी होती है, जिस कारण से यह सबसे तेज़ गति से काम करने वाले कंप्यूटर है। यह बड़ी मात्रा में डाटा को प्रोसेस और स्टोर भी कर सकते है। बैंक शैक्षणिक संस्थान और बीमा कंपनियां अपने ग्राहकों, छात्रों और बीमा पॉलिसी धारकों के बारे में डाटा स्टोर करने के लिए मेनफ्रेम कंप्यूटर का ही उपयोग करती है।
मिनी कंप्यूटर
मिनी कंप्यूटर का उपयोग छोटे व्यवसायों और फर्मों द्वारा किया जाता है। ये बहुत छोटे होते है और इन्हें डिस्क पर समायोजित किया जा सकता है इनमें सुपर कंप्यूटर और मेनफ्रेम कंप्यूटर जितनी डाटा स्टोर करने की क्षमता नहीं होती है। ये कंप्यूटर एकल उपयोगकर्ता के लिए डिज़ाइन नहीं किए गए हैं। इनका उपयोग किसी बड़ी कंपनी या संगठनों के व्यक्तिगत विभाग में विशिष्ट उद्देश्यों के लिए किया जाता है, जैसे- एक उत्पादन विभाग कुछ उत्पादन प्रक्रिया की निगरानी के लिए मिनी-कंप्यूटर का उपयोग कर सकता है।
माइक्रो कंप्यूटर
डेस्कटॉप कंप्यूटर, लैपटॉप, टैबलेट और स्मार्टफोन आदि सभी माइक्रो कंप्यूटर के प्रकार ही है। इनका उपयोग व्यापक रूप में होता है और ये काफी सबसे तेजी से बढ़ते है। माइक्रो कंप्यूटर अन्य तीन प्रकार के कंप्यूटरों की तुलना में सबसे सस्ता है। इसे विशेष रूप से मनोरंजन, शिक्षा और कार्य उद्देश्यों जैसे सामान्य उपयोग के लिए डिज़ाइन किया गया है। माइक्रो-कंप्यूटर के प्रसिद्ध निर्माता डेल, एप्पल, सैमसंग, सोनी और तोशिबा है।
आज की इस टेक्नोलॉजी की दुनिया में कंप्यूटर का उपयोग दिन ब दिन बढ़ता ही जा रहा है जिसका अंदाजा हम तब के कंप्यूटर और आज के कंप्यूटर से करेंगे तो इसमें हमे काफी फर्क देखने को मिलेगा। आज शायद ही कोई ऐसा होगा जो कंप्यूटर का उपयोग ना करता हो, लेकिन बहुत ही कम लोग होंगे जिन्हे Computer के उपयोग , Computer के कार्य , Computer के प्रकार व Computer की खोज किसने की थी इस बारे में पता होगा इसी के चलते आज हमने आपको कंप्यूटर के बारे में जानकारी प्रदान की। अगर Computer क्या है से संबंधित आपका कोई सवाल हो तो आप हमसे कमेंट करके पूछ सकते है, यदि आपको Computer की जानकारी पसंद आयी हो तो इसे शेयर करना ना भूले, धन्यवाद!
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आज की इस टेक्नोलॉजी की दुनिया में कंप्यूटर का उपयोग दिन ब दिन बढ़ता ही जा रहा है जिसका अंदाजा हम तब के कंप्यूटर और आज के कंप्यूटर से करेंगे तो इसमें हमे काफी फर्क देखने को मिलेगा। आज शायद ही कोई ऐसा होगा जो कंप्यूटर का उपयोग ना करता हो, लेकिन बहुत ही कम लोग होंगे जिन्हे Computer के उपयोग , Computer के कार्य , Computer के प्रकार व Computer की खोज किसने की थी इस बारे में पता होगा इसी के चलते आज हमने आपको कंप्यूटर के बारे में जानकारी प्रदान की। अगर Computer क्या है से संबंधित आपका कोई सवाल हो तो आप हमसे कमेंट करके पूछ सकते है, यदि आपको Computer की जानकारी पसंद आयी हो तो इसे शेयर करना ना भूले, धन्यवाद!
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