Online Computer Courses Classes and Training Program

Negative सोचना बंद करो मनचाहा जीवन Attract करो, How to Become Immune to Injurious Thought Attraction

Negative सोचना बंद करो मनचाहा जीवन Attract करो



नमस्कार दोस्तों, आज हम बात करने वाले हैं एक ऐसे विषय पर जो हमारे जीवन में बहुत जरूरी है। How to become immune to injurious thought attraction यानि हानिकारक विचारों से लड़ने के लिए खुद को कैसे तैयार करें? 

हम सभी जानते हैं कि हमारे विचार हमारे जीवन को प्रभावित करते हैं। जैसे पॉजिटिव थॉट्स और एफर्मेशंस हमारी लाइफ में पॉजिटिविटी और हमारे wishes को अट्रैक्ट करते हैं। उसी तरह नेगेटिव और इंज्यूरियस या खतरनाक थॉट्स हमारे लिए उतनी ही नेगेटिविटी को अट्रैक्ट करते हैं। लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि कैसे कुछ खतरनाक विचार हमारे जीवन में लॉ ऑफ अट्रैक्शन से उत्पन्न होते हैं। और हम उनसे कैसे बच सकते हैं। आज हम यह सीखेंगे।

दोस्तों, हमारे दिमाग में अनेक प्रकार के विचार आते हैं। कभी-कभी हमारी सोच पॉजिटिविटी से भरी होती है। जबकि कभी-कभी हम किसी अप्रशन्न  विचार में उलझे रहते हैं। यह अप्रसन्न विचार ही होते हैं, जो खतरनाक होते हैं। इसमें घुसने से पहले, हमें उन्हें पहचानना होगा। यदि हम लगातार तनाव में रहते हैं, निराश होते हैं या खुद को नाकाम महसूस करते हैं। तो ये हानिकारक या खतरनाक विचार ही होते हैं। जो हमारे जीवन को प्रभावित करते हैं।

हमारे जीवन में हमारी विचारधारा का आदान-प्रदान लगातार होता रहता है और यह विचार ही हमारी मानसिक स्थिति और भौतिक परिस्थितियों को प्रभावित भी करते हैं। पर, क्या कभी आपने सोचा है कि कैसे हम यह पहचान सकते हैं कि कौन सा विचार हमारे लिए हानिकारक हो सकता है और इसका हमारे जीवन पर क्या प्रभाव हो सकता है। विचारों का खेल तो हम सभी जानते हैं हर पल, हर घड़ी हमारे दिमाग में अनेक तरह के विचार आते-जाते रहते हैं। 

जिनमें कभी तो हमारी सोच उजागर होती है। पर कभी-कभी अंधेरे में घूमती रहती है लेकिन कुछ विचार ऐसे भी होते हैं जो हमारे लिए खतरे का सूचक हो सकते हैं। यह विचार हमारे मानसिक स्थिति को गंभीर रूप से प्रभावित करते हैं। इंज्यूरियस यानी हानिकारक थॉट्स हमारे जीवन को प्रभावित करने के लिए एक प्रकार के एनर्जी के स्रोत होते हैं। जब हम किसी निराशावादी विचार में उलझे रहते हैं या हमारे मन में असंतोष की भावना होती है। तब ये विचार हमारे अंदर के सबकॉन्शियस माइंड को भी नेगेटिव रूप से प्रोग्राम करने लगते हैं। जो धीरे-धीरे हमारे हर विचार को अफेक्ट करने लगता है इसके साथ धीरे-धीरे हमारे आसपास का वातावरण भी उसी प्रकार का हो जाता है। जैसे विचार हमने सोचे थे हमारे थॉट्स के अट्रैक्शन के प्रति हमारा दिमाग बहुत रेस्पॉन्सिव होता है। यदि हम किसी खतरनाक विचार में उलझे रहते हैं तो हमारा दिमाग तुरंत उस विचार को स्वीकार कर लेता है। और उसके अनुरूप कार्यवाही करने लगता है।

इस प्रकार हमारे विचार ही हमारे चारों ओर के वातावरण को एक प्रकार से आकर देते हैं। कौन से विचार हमारे लिए खतरनाक हो सकते हैं। इसका पता लगाने के लिए हमें ध्यान से अपने विचारों को देखना होगा और हमारे थॉट प्रोसेस को समझना होगा। यदि हमारा दिमाग लगातार तनाव में रहता है या हम किसी व्यक्ति के व्यवहार या स्थिति के प्रति अप्रसन्न रहते हैं तो ये संकेत है कि हमारे विचार असंतुष्टि वाले होंगे।

हानिकारक विचारों को पहचानने का प्रमुख लक्षण है कि ये हमारे मनोबल को कमजोर कर देता है और हमारे आत्मविश्वास को कम कर देता है। इन्हें पहचानने का एक और तरीका है कि ये हानिकारक विचार हमारे जीवन को विकट रूप से प्रभावित करते हैं। यदि हमारे विचार हमेशा विकृति, निराशा और असफलता के प्रति होते हैं तो ये विचार हमारे जीवन को एक नकारात्मक दिशा में ले जा सकते हैं।

जब हम किसी खतरनाक विचार के प्रभाव से पीड़ित होते हैं तो हमारा व्यवहार हमारे विचार और हमारी व्याख्याओं का तरीका भी उसी दिशा में बदल जाता है। इस तरह हानिकारक विचारों का पता लगाना और उन्हें पहचानना हमारे जीवन को सुरक्षित और सुखी रखने का एक महत्वपूर्ण कदम है। हमारे विचार हमारे मानसिक और भौतिक स्वास्थ्य को प्रभावित करने का एक अहम पहलू है।

हानिकारक विचारों की पहचान करना जरूरी है। ताकि हम उनके आकर्षण शक्ति को रोक सके और उनके प्रभाव से बच सके। कुछ लक्षणों पर गौर करके, आप इन हानिकारक विचारों को पहचान सकते हैं। जिनमें पहला लक्षण है निरंतर आने वाले विचार जी हां हानिकारक विचार निरंतर हमारे दिमाग में आने वाले विचारों में से एक होते हैं। ये विचार हमारे व्यवहार को प्रभावित करते हैं और हमारे जीवन में असंतुलन उत्पन्न कर सकते हैं।

दूसरा लक्षण है असत्य भावना, इस लक्षण के अंतर्गत आने वाले विचार असत्य भावनाओं पर आधारित होते हैं। इससे हम अपने आप को कमजोर, नाकामयाब और नाकाबिल समझने लगते हैं। ये विचार हमारे सेल्फ एस्टीम को कम करते हैं और हमारे विश्वास को तोड़ देते हैं।

तीसरा लक्षण है भयभीत होना, जी हां, नकारात्मक विचार या हानिकारक विचार हमारे अंदर भय की भावना को पैदा कर सकते हैं। हम अपने जीवन के मुख्य उद्देश्य से डरते हैं और कठिनाइयों का सामना करने से कतराते हैं। निराश होना एक अन्य प्रकार के विचारों का लक्षण है। निराशा से भरे हानिकारक और नकारात्मक विचारों से हम अपने जीवन में असफलता का भय महसूस करने लगते हैं और हर काम में नाकामयाब होने का भय हमें सताता रहता है।

एक और आखिरी लक्षण है अन्य व्यक्तियों से तुलना करना। इस भावना से भरे विचार अन्य लोगों से तुलना करने की भावना को जन्म देते हैं। हम अपने आप को दूसरों से कम या अधिक समझने लगते हैं और इससे अपने जीवन को असंतुष्ट कर लेते हैं। नकारात्मक विचारों की आकर्षण शक्ति बहुत प्रभावशाली होती है। ये विचार हमारे दिमाग में इस रूप में attract होते हैं जैसे कि उनमें कोई सच्चाई हो। जब हम इन विचारों को अपने दिमाग में बार-बार लाते हैं तो उनका असर हमारे व्यवहार पर भी होता है। इसीलिए ऐसे नकारात्मक विचारों से बचने के लिए हमें अपने दिमाग को साफ करना और सकारात्मक विचारों को बढ़ावा देने की आवश्यकता है।

हमारे दिमाग में सकारात्मक विचार का प्रवाह होना चाहिए ताकि हमारे जीवन में खुशी, सफलता और समृद्धि की आवश्यकताएं पूरी हो सके। सकारात्मक विचार हमारे मानसिक तथा भौतिक दृष्टि को सुधारने और उन्नति करने में सहायक होते हैं। नकारात्मक विचार हमारे जीवन को आकर्षण शक्ति से प्रभावित करने लगते हैं। यदि हम तनाव से भरे हुए हैं या दुखी हैं तो हमारे अंदर एक ऐसी एनर्जी पैदा होती है। जो हमारे आसपास के वातावरण को भी प्रभावित करती है। ये एनर्जी हमारे विचार और भावनाओं से निकलती है और हमारे आसपास अपना एक ओरा क्रिएट करती है। इस प्रकार हमारे आसपास का वातावरण भी हमारे विचारों का प्रतीक बन जाता है।

अब सवाल उठता है कि कैसे हम इन हानिकारक विचारों से बच सकते हैं?

इसके लिए सबसे पहले हमें हमेशा सकारात्मक विचार रखना चाहिए। हमें अपनी खुद की प्रशंसा करने वाले विचार वाक्यावली को इस्तेमाल करना चाहिए। जैसे ही कोई नकारात्मक विचार दिमाग में आए। तुरंत उसको सकारात्मक विचार से बदल देना चाहिए। और मैं तो कहता हूं कि जब भी आपको नेगेटिव थॉट्स आएं और आपको तुरंत यह रियलाइज भी हो जाए कि आप नेगेटिव सोच रहे हैं। तो सकारात्मक विचारों से, तो बदलिए ही बदलिए।

लेकिन अगर आपसे ऐसा ना हो पाए तो तुरंत अपना कोई मनपसंद गाना गुनगुनाइए जैसे नेगेटिव थॉट्स के लिए एक गाना मैं डेडिकेट करता हूं बापू सेहत के लिए तू तो हानिकारक है। दोस्तों, मैं आपको बस एक एग्जांपल दिया है।

चलिए अब आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि अगली क्या टिप हो सकती है नकारात्मक विचारों से बचने के लिए।

सेकंड टिप है हमें समय-समय पर सेल्फ रीडिंग या स्वाध्याय और मनन करना चाहिए। हमें अपने विचारों को समझना चाहिए और यदि कोई नकारात्मक विचार आए तो उसके कारण और प्रभाव को समझकर उसका समाधान निकालना चाहिए।

तीसरी टिप है नकारात्मक विचारों से बचने के लिए प्राणायाम और ध्यान करने से हमारा दिमाग शांत होता है यह हमारे विचारों को नियंत्रित करने में मदद करते हैं और हानिकारक विचारों को दूर करने में भी सहायक होते हैं।

अगली टिप है कि हमारे आसपास सकारात्मक लोगों का साथ होना भी बहुत जरूरी है। उनका साथ हमारे विचारों को सकारात्मक दिशा में ले जाने में मदद करता है। हमारा दिमाग एक प्रकार का यंत्र है जो लॉ आफ अट्रैक्शन को लगातार आकर्षित करता है। यदि हम हानिकारक विचारों में उलझे रहेंगे तो हमारे दिमाग से हानिकारक एनर्जी निकल कर हमारे चारों ओर एक ओरा बनाएंगे। जिससे लॉ ऑफ अट्रैक्शन भी हमारे विचारों के प्रति नेगेटिव रूप से काम करेगा और प्रतिकूल परिस्थितियों को हमारे आसपास आकर्षित करेगा। 

जब हम सकारात्मक विचारों को रखकर चलते हैं। तो एक प्रकार से हम रोशनी से जगमगाते हैं। लोग हमारी प्रशंसा या तारीफ करते हैं, हमारी राय लेते हैं और हमारे साथ अच्छा व्यवहार करते हैं। इससे हमारा कॉन्फिडेंस बढ़ता है और हम किसी भी कठिनाई का सामना करने में सफल होते हैं। सकारात्मक विचार हमारे जीवन में एक जरूरी भूमिका निभाते हैं। यह विचार हमारे मानसिक स्थिति, व्यवहार और जीवन के हर क्षेत्र पर गहरा प्रभाव डालते हैं।

सकारात्मक विचारों की शक्ति हमारी सोच को निर्धारित करती है और हमारे उच्च लक्षण तक पहुंचने में हमारी मदद करती है। इस प्रकार सकारात्मक विचार हमारे जीवन को एक नई दिशा देने में और बेहतर बनाने में एक साधन के रूप में भी काम करते हैं। सकारात्मक विचारों की शक्ति को समझने के लिए हमें पहले विचारों और भावनाओं के प्रभाव को समझना होगा। हमारे दिमाग में आने वाले विचार और उनके साथ जुड़ी हुई भावनाएं एक साथ काम करती है।

अगर हमारे विचार सकारात्मक है तो हमारी भावनाएं भी सकारात्मक होगी ये भावनाएं हमारी मानसिक और भौतिक दृष्टि को प्रभावित करेंगे। इसी तरह सकारात्मक विचारों की शक्ति हमारे जीवन में सकारात्मक परिणाम लाएंगी और प्रेम से भरी भावनाओं के साथ मिलकर हमारे आसपास एक ऐसा वातावरण बनाएंगे। जो हमारे विचारों से मेल खाता होगा।

सकारात्मक विचार की पहली विशेषता है संकल्प सिद्धि सकारात्मक विचार हमारे संकल्पपों को प्रभावित करते हैं। सकारात्मक विचारों को अपनाकर हम अपने लक्ष्य तक पहुंचने में सक्षम होते हैं। सकारात्मक विचार की दूसरी विशेषता है आत्मविश्वास यानी सकारात्मक विचार हमारे आत्मविश्वास को भी बढ़ाते हैं। हम अपने आप पर विश्वास करते हैं और अपनी क्षमताओं पर यकीन रखते हैं। यह आत्मविश्वास हमारे जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। 

सकारात्मक विचार की तीसरी विशेषता है स्ट्रेस कम करने की क्षमता। जी हां, सकारात्मक विचारों की शक्ति से हम अपने जीवन में स्ट्रेस को कम कर सकते हैं। हम हर चुनौतियों का समाधान खोजने में समर्थ बनते हैं और मुश्किलों का सामना करने में असफल नहीं होते।
 
अगली विशेषता है निरंतर प्रेरणा यानी इस प्रकार के सकारात्मक विचार हमें निरंतर प्रेरित करते हैं। इंस्पायर करते हैं। हम अपने लक्ष्यों को पाने के लिए प्रत्यक्ष प्रयत्न करते हैं और चुनौतियों का सामना करते हैं। प्रेरणा से भरे विचार हमें आगे बढ़ने में सपोर्ट करते हैं। और हमें हमारे लक्ष्यों को हासिल करने के प्रति प्रेरित भी करती है। 

आकर्षण के नियम यानी लॉ आफ अट्रैक्शन में सकारात्मक विचारों की शक्ति कितनी अहम भूमिका निभाती है। ये तो आप सब जानते हैं। जब हम सकारात्मक विचार से अपने लक्ष्यों को सोचते हैं तो हमारी भावनाएं भी उस दिशा में अग्रसर होती है। और हमारे लक्ष्यों को हमारे जीवन में आकर्षित करती है। इस तरह हम अपने जीवन में सकारात्मक परिणाम पाने में सफलता हासिल करते हैं।

सकारात्मक विचारों की शक्ति हासिल करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाए जा सकते हैं। जिसमें पहला कदम है स्व अनुभूति स्व यानी हम और अनुभूति यानी हमारा अनुभव यानि स्वयं के प्रति हमारा क्या अनुभव है। स्वयं को जानने की खोज ही स्व अनुभूति है। तो हम खुद को अच्छी तरह जानें और पता लगाएं कि हमारे जीवन में नकारात्मकता के क्या कारण है और सकारात्मकता के क्या कारण है। इन कारणों का पता लगाकर, इन पर काम करना ही स्व अनुभूति का पहला कदम है।

दूसरा कदम भी बहुत आसान है यानी हर रोज सकारात्मक विचार लाना। ठान लें कि आज तो आपको तीन से चार सकारात्मक विचार सोचनें ही है। आपको सोचना ही भर तो है बाकी चीजें अपने आप आपकी सकारात्मक सोच की शक्ति अंजाम दे देगी। 

तीसरा कदम है एक सकारात्मक संकल्प बनाना। अपने लक्ष्यों को हासिल करने का सकारात्मक संकल्प करें। 

यदि आप अपने विचारों को सकारात्मक बनाते हैं तो आप अपने लक्ष्यों को हासिल करने में जरुर सफल होंगे। आखिरी कदम है मेडिटेशन और योगा, मेडिटेशन और योगा से आप अपने दिमाग को शांत, स्थिर और सकारात्मक बना सकते हैं। यह आपको हानिकारक विचारों से बचाने में मदद करेंगे। 

सकारात्मक विचारों की शक्ति से हम अपने लक्ष्य तक पहुंचने में सफलता हासिल करेंगे और किसी भी प्रकार की कठिनाई का सामना कर सकेंगे। इस तरह हम अपने जीवन को एक नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में सफल रहेंगे। और अपने उद्देश्यों को हासिल कर, एक नया मुकाम पाएंगे। 

दोस्तों आपके कॉमेंट्स पढ़ने में मुझे दिल से बहुत खुशी होता है तो आप जरूर बताएं कि किस तरह आप ने अपने जीवन में सकारात्मक सोच की शक्ति से उन मुश्किल चुनौतियों का सामना किया। जो आपको असंभव लगते थे।

अंत में दोस्तों, मैं बस इतना ही कहना चाहूंगा कि हमारे विचारों का हमारे जीवन पर गहरा प्रभाव होता है। हानिकारक विचारों की आकर्षण शक्ति से बचकर, हम सकारात्मक विचारों को अपना सकते हैं। लॉ ऑफ अट्रैक्शन, तो आप सब जानते हैं और इसका सही तरीके से इस्तेमाल करने के लिए सकारात्मक सोच की शक्ति और भी महत्वपूर्ण बन जाती है।

चलिए, आज ही हम नकारात्मक विचारों से मुक्त होकर सकारात्मक और प्रशंसनीय जीवन जीने का संकल्प लें। अपना कीमती समय निकालकर इस पोस्ट को अंत तक पढ़ने के लिए आपका दिल से आभार, धन्यवाद! नमस्कार

Post a Comment

0 Comments