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Sirf Naukri Se Paise Nahi Banenge: Robert Kiyosaki Ki Life-Changing Financial Strategy

Sirf Naukri Se Paise Nahi Banenge: Robert Kiyosaki Ki Life-Changing Financial Strategy

अपने सपनों को साकार करें: अमीर बनने का सही मार्ग

आपने अपनी ज़िंदगी में लोगों को यह कहते हुए जरूर सुना होगा कि "बेटा, अगर तुम्हें एक बड़ा आदमी बनना है और बहुत पैसे कमाने हैं, तो स्कूल के बाद तुम्हें कॉलेज जाना होगा, अच्छे मार्क्स लाने होंगे, और बहुत मेहनत से पढ़ाई करनी होगी।" कुछ लोगों के मुताबिक, फाइनेंशियल सफलता पाने का यही एकमात्र तरीका है।

क्या यही है सफलता का एकमात्र रास्ता?

बिल्कुल, कुछ लोगों के लिए यह रास्ता सही हो सकता है, लेकिन हर किसी के लिए यही रास्ता नहीं है। अपनी किताब "Rich Dad Cashflow Quadrant" में, लेखक रॉबर्ट कियोसाकी ने कुछ ऐसी बातें बताई हैं जिन्हें सुनने के बाद आपका सोचने का तरीका ही बदल जाएगा। आपको पता चलेगा कि जो बातें अब तक आप बड़े लोगों से सुनते आ रहे हैं, वे अधूरी हैं।

कियोसाकी का अनोखा दृष्टिकोण

"Rich Dad Poor Dad" की तरह, उनकी यह किताब भी एक टॉप-क्लास किताब है, लेकिन दुख की बात है कि यह उतनी प्रसिद्ध नहीं हो पाई, इसलिए लोग इससे कम परिचित हैं। इस किताब की बातें जानने के बाद मुझे ऐसा महसूस हुआ कि यह मुख्य रूप से फाइनेंशियल फ्रीडम या पैसे के रहस्यों के बारे में नहीं है।

गरीब और अमीर के बीच का अंतर

वास्तव में, यह किताब लोगों को एक आईना दिखाती है:

  • अगर कोई गरीब है, तो वह ऐसा क्या कर रहा है कि वह अब तक गरीब है।
  • अगर कोई अमीर है, तो वह ऐसा क्या कर रहा है कि वह अमीर बनता जा रहा है।

अमीर बनने का रोडमैप

अगर आप इन दोनों के बीच का अंतर समझ जाते हैं, तो आपको अपने अमीर बनने के लिए एक रोडमैप मिल जाएगा। आज इस किताब की मदद से मैं आपको यही अंतर बताने जा रहा हूं, जिससे आपको अंदाजा होगा कि आखिर क्यों आप अभी तक एक सामान्य जीवन में फंसे हुए हैं।

फाइनेंशियल सफलता केवल पढ़ाई या कॉलेज की डिग्री तक सीमित नहीं है। रॉबर्ट कियोसाकी की किताबें हमें सही दृष्टिकोण और रणनीतियों के बारे में बताती हैं। इस ज्ञान के साथ, आप अपनी वित्तीय स्थिति को सुधार सकते हैं और अपने सपनों को साकार कर सकते हैं।

कैश फ्लो क्वाड्रेंट (Rich Dad Cashflow Quadrant)

तो सबसे पहला पॉइंट है कि कैश फ्लो क्वाड्रेंट के अनुसार, लेखक रॉबर्ट कियोसाकी के अनुसार, हर कोई अपनी जिंदगी चलाने के लिए कैश फ्लो का सहारा लेता है।

कैश फ्लो क्या है?

देखिए, सभी लोग अपनी-अपनी क्षमता के अनुसार काम करते हैं और पैसे कमाते हैं। जिस तरह से वे अपनी इनकम जनरेट करते हैं, वह उनके कैश फ्लो को दर्शाता है। लेखक इस किताब में चार Quadrant या कह सकते हैं चार कैटेगरी के बारे में बताते हैं, जिनमें दुनिया के लगभग सभी लोग काम करते हैं। ये चार क्वाड्रेंट्स हैं: E, S, B, और I

Quadrants Overview

  • E Quadrant: Employees
  • S Quadrant: Self-Employed
  • B Quadrant: Business Owners
  • I Quadrant: Investors

1. E (एम्प्लाइज)

  • इस कैटेगरी में दुनिया के लगभग 95% लोग आते हैं।
  • पर हैरानी की बात यह है कि इस कैटेगरी के लोगों के पास पूरी दुनिया की सिर्फ 5% वेल्थ होती है।
  • ये लोग अपना समय बेचकर पैसा कमाते हैं और अपनी बातों में "सुरक्षित", "स्थिर" और "लाभ" जैसे शब्दों का इस्तेमाल करते हैं।
  • इनका मुख्य फोकस नौकरी की सुरक्षा होती है, क्योंकि इन्हें किसी भी तरह का रिस्क लेने में डर लगता है।
  • इन्हें यह चाहिए होता है कि हर महीने एक निश्चित राशि उनके बैंक में डिपॉजिट होती रहे, और जब वे बूढ़े हो जाएं, तो पेंशन और स्वास्थ्य बीमा जैसे लाभ मिलते रहें।
  • इस कैटेगरी में कंपनी के सीईओ से लेकर एक चौकीदार तक शामिल हैं, क्योंकि इसमें लोगों की स्थिति नहीं, बल्कि उनकी फिक्स्ड इनकम मायने रखती है।

आप शायद सोच रहे होंगे कि इतनी बड़ी संख्या में लोग क्यों हैं? हंड्रेड में से 95% लोग यह बहुत बड़ा नंबर है। ऐसा इसलिए है क्योंकि बचपन से ही बाय डिफॉल्ट हमें एम्प्लाई बनने और दूसरों के लिए काम करने की ट्रेनिंग दी जाती है, चाहे वह स्कूल में हो, कॉलेज में या घर पर। स्कूल और कॉलेज में आप यह तो सुनते हैं कि "बेटा, अच्छे नंबरों से पास हो, तभी तुम्हें अच्छी नौकरी मिलेगी," लेकिन ऐसा कभी नहीं सुनते कि "बेटा, मार्क्स ज्यादा मायने नहीं रखते, तुम्हारी स्किल्स मायने रखती हैं।" अगर तुम्हें एक अच्छी जॉब नहीं भी मिल पाई, तो अपनी स्किल की मदद से तुम एक अच्छे बिजनेसमैन जरूर बन सकते हो।


2. S (सेल्फ-एम्प्लॉयड)

  • इस कैटेगरी में वे लोग आते हैं जो खुद के बॉस बनना पसंद करते हैं।
  • सेल्फ-एम्प्लॉयड व्यक्ति अपनी पूरी इनकम का नियंत्रण अपने हाथों में रखना चाहता है।
  • अगर वह ज्यादा काम करते हैं, तो उनकी इनकम भी ज्यादा होती है।
  • ऐसे लोग यह बिल्कुल पसंद नहीं करते कि कोई दूसरा उनकी इनकम को नियंत्रित करे, लेकिन वे भी जानते हैं कि अगर वे लगातार काम नहीं करेंगे, तो जॉब वालों की तरह ही उनकी इनकम भी रुक जाएगी।
  • उनके साथ एक बड़ी समस्या यह होती है कि वे सिर्फ खुद को ही सुपीरियर समझते हैं।
  • वे सोचते हैं कि जो काम है, वह बस वे ही अच्छे से कर सकते हैं; कोई दूसरा उनके जैसा काम नहीं कर पाएगा।
  • इसी सोच में वे अपना काम किसी को सिखाते तक नहीं।

3. B (बिजनेस ओनर्स)

  • यह कैटेगरी सेल्फ-एम्प्लॉयड से बिल्कुल उल्टी है, क्योंकि उनका मानना है कि उस काम को वे क्यों करें, जो किसी और से करवाया जा सकता है।
  • यहां लोग अपना समय बचाने के लिए सारा काम दूसरों से करवाते हैं, ताकि वे अपने फ्री टाइम का इस्तेमाल अपने काम को और बढ़ाने में कर सकें।
  • ये ऐसा सिस्टम तैयार कर लेते हैं जहां यदि वे काम नहीं कर रहे हैं, तब भी उनका काम लगातार चलता रहता है।
  • इस क्वाड्रेंट में आने के लिए लोगों को किसी डिग्री की आवश्यकता नहीं होती, लेकिन जो लोग इनके अंदर काम करते हैं, उन्हें जरूर डिग्री चाहिए होती है।

4. I (इन्वेस्टर)

  • दुनिया के ज्यादातर अमीर लोग इसी कैटेगरी में आते हैं, क्योंकि वे खुद कुछ नहीं करते; वे दूसरों के काम में पैसा लगाते हैं और उसके माध्यम से पैसा कमाते हैं।
  • उनका मानना है कि आप किस क्वाड्रेंट में हैं, यह बात बिल्कुल मायने नहीं रखती।
  • अगर आपको वास्तव में फाइनेंशियल फ्रीडम चाहिए, तो इसके लिए आपको अपने पैसों को कहीं निवेश करना पड़ेगा। तभी आप बिना कोई काम किए पैसिव इनकम कमा सकते हैं।
  • रॉबर्ट कहते हैं कि एक इंसान एक समय में एक से ज्यादा क्वाड्रेंट में हो सकता है। बस फर्क यह है कि E और S क्वाड्रेंट में आप बुढ़ापे तक पहुंच पाएंगे, लेकिन B और I के जरिए आप यह उपलब्धि जवानी में ही हासिल कर सकते हैं।

क्योंकि E और S में आप तभी पैसा कमा पाएंगे जब आप सक्रिय रूप से काम कर रहे होंगे, लेकिन B और I में ऐसा नहीं है। इस कैटेगरी के लोग अगर सक्रिय भी नहीं हैं अपने काम पर, तब भी उनके खाते में लगातार पैसा आता रहेगा।

अगर एक पॉइंट ऑफ टाइम पर आप E और S केटेगरी से B या I की तरफ नहीं बढ़ते हैं, तो फाइनेंशियल फ्री बनने के लिए सही समय पर बहुत मुश्किल हो जाएगा। क्योंकि ऐसी स्थिति में आपकी पूरी जिंदगी अपनी और अपने परिवार की केवल जरूरतें पूरी करने में निकल जाएगी।


अगला पॉइंट है OPT और हमारे पास लगभग 24 घंटे होते हैं, जिसमें लोग 8, 10, 12 या कभी-कभी 15 घंटे तक काम करते हैं। अगर आप E और S Quadrant में हैं, तो ज्यादा पैसा कमाने के लिए आपको ज्यादा काम करना होगा। यहां हम चर्चा करेंगे कि कैसे OPT (Other People's Time) और OPM (Other People's Money) आपके वित्तीय भविष्य को प्रभावित कर सकते हैं।


The Importance of OPT and OPM

अगर आप ओवरटाइम भी करते हैं, तब भी आप एक लिमिटेड अमाउंट ही जनरेट कर पाएंगे। इससे ज्यादा काम करना आपके लिए संभव नहीं है, क्योंकि हमारे शरीर में सीमित ऊर्जा होती है। यही अंतर left और right Quadrants में उत्पन्न होता है।

OPT और OPM का महत्व

  • OPT (Other People's Time): अन्य लोगों के समय का उपयोग करके अधिकतम लाभ।
  • OPM (Other People's Money): दूसरों के पैसे का इस्तेमाल करके निवेश और धन संचय।

B Quadrant के Business Owners

B Quadrant की श्रेणी के लोग OPT और OPM का उपयोग करते हैं। ये लोग अपने सारे काम एक फिक्स सैलरी देकर दूसरों से करवाते हैं। जब उनके काम में प्रॉफिट होता है, तो सबसे बड़ा हिस्सा इन्हीं की जेब में आता है।

B Quadrant के फायदे

  • ज्यादा लाभ कमाने की संभावना।
  • दूसरों के समय और संसाधनों का लाभ उठाना।

B Quadrant के नुकसान

  • व्यवसाय चलाने में ज्यादा रिस्क होता है।
  • स्किल्स का विकास और टीम का प्रबंधन आवश्यक है।

I Quadrant के Investors

I Quadrant में लोग दूसरों के पैसों का उपयोग करते हैं। ये लोग जल्दी वित्तीय स्वतंत्रता प्राप्त कर सकते हैं। लेकिन इसमें भी कुछ चुनौतियां हैं।

I Quadrant के फायदे

  • वित्तीय स्वतंत्रता की तेज़ प्रक्रिया।
  • सही इन्वेस्टमेंट से धन में वृद्धि।

I Quadrant के नुकसान

  • निवेश में गलत प्रेडिक्शन से नुकसान।
  • मार्केट की अनिश्चितताओं का सामना करना।

Employees (E Quadrant) और Self-Employed (S Quadrant)

Employees के फायदे

  • रिस्क कम होता है।
  • स्वास्थ्य बीमा, छुट्टियां आदि की सुविधाएं।

Employees के नुकसान

  • समय की पाबंदियां।
  • अधिक काम के लिए एक्स्ट्रा मेहनत।

Self-Employed के फायदे

  • खुद के बॉस होने का फायदा।
  • परफॉर्मेंस के अनुसार भुगतान।

Self-Employed के नुकसान

  • अधिक काम और प्रेशर।
  • खुद के लिए समय नहीं मिलता।

Changing Quadrants: Your Path to Success

जो लोग Quadrants के left side में होते हैं, उनमें एक चीज़ कॉमन होती है: उनकी शिक्षा।

Common Issues in Left Quadrants

  • दूसरों पर निर्भरता।
  • पैसे की स्थिरता की तलाश।

B और I Quadrants में बदलाव

जो लोग B और I Quadrant में आते हैं, वे रिस्क लेने के लिए तैयार रहते हैं।

Steps to Change Your Quadrant

  1. सोच में बदलाव: अपनी सोच को बदलें।
  2. रीजन्स बनाएं: अगली श्रेणी में क्यों जाना है, इसके कारण लिखें।
  3. सफल लोगों से सीखें: उनकी यात्रा और प्रक्रिया को समझें।
  4. छोटे रिस्क लें: बेबी स्टेप्स से शुरुआत करें।

Conclusion

इन चार Quadrants के फायदे और नुकसान को समझकर आप अपने लिए सही निर्णय ले सकते हैं। यदि आपको यह जानकारी उपयोगी लगी हो, तो कृपया इसे शेयर करें!

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