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इ-लर्निंग क्या है? (What is E-learning in Hindi)



E-learning का मतलब “electronic learning” है, अर्थात इलेक्टॉनिक डिवाइस और डिजिटल मीडिया के माध्यम से education लेना ही इ-लर्निंग कहलाता है. इ-शिक्षा के विभिन्न रूप है, जिसमे वेब आधारित लर्निंग, मोबाइल आधारित लर्निंग या mLearning , कंप्यूटर आधारित लर्निंग, virtual classroom और webinars इत्यादि शामिल है. आज से जब कई सालो पहले E-learning का concept आया था तो दुनिया इसके प्रति उतनी सहज नहीं थी.

लोगो ने इसके बारे में कई बाते कह़ी परन्तु जैसे-जैसे technology और online learning system में सुधार हुआ e-learning और अधिक पॉपुलर हो गया. आज कई लाखों स्टूडेंट उनके विषयों को online study करते है. इ-लर्निंग सिर्फ यही तक सीमित नहीं है, बल्कि कई schools और universities भी e-classroom को बढ़ावा दे रही है. एक सर्वे में निकल कर आया है, कि एक traditional classroom में सीखने के मुकाबले online सीखना ज्यादा आसान और flexible होता है.

वो इसलिए क्युकी online learning में एक विषय को सिखाने के लिए विभिन्न तकनीकों का उपयोग होता है जैसे-  audio और video recordings, quizzes, surveys, games, presentations, discussion groups etc. इनके अलावा कई दूसरे तरीके भी उपयोग में लिए जाते है. तो चलिए अब जानते है, e-learning कितने प्रकार की होती है?

इ-लर्निंग के प्रकार – Types of e-learning in Hindi 

E-learning को मुख्य रूप से दो केटेगरी में विभाजित किया जाता है:
  1. Synchronous
  2. Asynchronous
Synchronous
इसका मतलब है, “एक ही समय में” अर्थात learners और instructor अलग – अलग स्थानों से same time में एक दूसरे से interact करते है. इस तरह से किसी विषय को सीखने पर आप अपने सवालों को तत्काल पूछ पाते है, जिससे आपके doubt clear होते है. इसीलिए इसे real-time learning भी कहा जाता है. इस प्रकार की e-earning में कई online tool की मदद से छात्रों को learning resources प्रदान किये जाते है. Synchronous e-learning के कुछ उधारणों में audio और video conferencing, live chat, virtual classroom, webinars etc. शामिल है. ये तरीके बीते कुछ वर्षो में अधिक पॉपुलर हो गये है.
Asynchronous
इसका मतलब है, “एक समय में नहीं” अर्थात यहां learners और instructor के बिच वास्तविक समय में intract करने का कोई concept नहीं है. बल्कि जानकरी पहले ही मौजूद होती है. उदाहरण के लिए वेब आधारित प्रशिक्षण (web-based-training) जिसमे हम किसी online course, blogs, websites, video tutorials, e-books, forums etc. की मदद से education प्राप्त करते है. इस तरह कि e-learning का सबसे बड़ा फायदा ये है, कि हम, 24×7 जब चाहे जानकारी तक पहुँच सकते है. यही कारण है, कुछ स्टूडेंट Asynchronous e-learning के माध्यम से सीखना पसंद करते है. 

E-learning का Concept क्या है

उम्मीद है, अब तक आप इ-लर्निंग किसे कहते है? यह समझने में सफल रहे होंगे. तो चलिए अब e-learning के पीछे की अवधारणा क्या है, इसको थोड़ा समझते है. जब पहली बार इ-लर्निंग शब्द 1999 में Los Angeles के CBT Systems Seminar में प्रयोग किया गया था. तब internet और electronic devices अधिकतर लोगो के पास नहीं होते थे. 
जिससे उस समय e-learning को उतना बढ़ावा नहीं मिला परन्तु जैसे – जैसे internet user की संख्या बढ़ने लगी तो लोगो को e-learning का concept भी समझ में आने लगा. असल में इ-शिक्षा को बढ़ावा देने के पीछे कई अवधारणाएं थी. उदाहरण के लिए ये उन students के लिए वरदान बन सकता है, जिनको education लेने के लिए दूर जाना पड़ता है.
पर्यावरण के हिसाब से भी e-learning को बढ़ावा मिला क्युकी ये एक paperless learning है. पारम्परिक शिक्षा के अंतर्गत उन स्टूडेंट को ही बेहतर education मिल पाता है, जो अच्छे स्कूल से शिक्षा प्राप्त है. जबकि e-learning के अंतर्गत आप अपने हिसाब learning resources को चुन सकते है. तो traditional learning की ऐसी ही कई समस्याओ को हल करने के लिए इ-शिक्षा के कांसेप्ट को लाया गया था.

इ-लर्निंग के Advantage और Disadvantage 

एक कक्षा में बैठकर पढ़ने से आप teacher के साथ अधिक interact तो कर पाते है. परन्तु online learning या e-learning के अपने कई benefits है. इन्ही फायदों की वजह से आज इ-शिक्षा सीखने के तरिके को काफी आसान और अधिक प्रभावी बना चुकी है. तो आइये इ-लर्निंग के फायदे और नुकसान के बारे में जानते है.
इ-लर्निंग के फायदे – Advantage of E-learning
  • इ-लर्निंग का सबसे बड़ा फायदा ये है, कि आप अपने comfort के हिसाब (self-paced) से anytime और anywhere सीख सकते है. यानि आपको समय और स्थान की कोई पाबंदी नहीं है.
  • जब आप classroom में teaching करते है, यदि आपसे कोई क्लास छूट जाये तो आपको उस विषय को खुद से सीखना होगा. जबकि e-learning के माध्यम से आप web based content को unlimited time तक access कर सकते है और बार-बार देख कर समझ सकते है. 
  • ऑनलाइन लर्निंग के माध्यम से सीखना काफी हद तक cost effective होता है. क्युकी आपको books या किसी दूसरे course materials पर पैसा खर्च नहीं करना पड़ता. 
  • अगर आप किसी वजह से स्कूल या कॉलेज नहीं जा पाते तो आप web-based learning की मदद से किसी भी विषय को सीख सकते है.
  • इ-लर्निंग environment की दृष्टि से भी लाभदायक है, क्यूकी यहां जानकारी को किताब के बजाये वेब में स्टोर किया जाता है. जिससे हमारे पर्यावरण को बचाने में मदद मिलती है. 
इ-लर्निंग के नुकसान – Disadvantage of E-learning
  • अगर आप अपने सीखने को लेकर गंभीर है, तो online learning में कोई परेशानी नहीं है. परन्तु यदि आपमें self-discipline नहीं है बिना कहे आप पढ़ाई नहीं करते तो e -learning में आपको पढ़ाई के लिए कहने वाला कोई नहीं होगा.
  • E-learning आपको कभी भी school classroom जैसा learning environment नहीं दे सकता जिसमे आप teacher के साथ face-to-face intraction कर पाते है. 
  • सरल विषयो को तो आप e-learning के माध्यम से सीख सकते है, लेकिन अधिक complex subject या ऐसे विषय जिनको practical के द्वारा समझा जाना हो इसमें ऑनलाइन लर्निंग उतना कारगर नहीं है.

इ-लर्निंग से संबंधित अगर आपके पास कोई सवाल या सुझाव हो, तो कृप्या निचे comment में जरूर बताये. आप चाहे तो इस लेख अपने दोस्तों के साथ share भी कर सकते है.

 

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