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Financial planning



ज्यादातर छोटे business man अपने personal finance से जुड़े मसलो को अनदेखा करते हैं, उनका ज्यादा ध्यान business से जुड़े वितीय मसलो पर होता हैं वे मानकर चलते हैं की business अच्छा चलेगा तो उनकी personal responsibilities अपने-आप पूरी हो जाएगी। ऐसे में वे business के जोखिम से जुड़े पहलुओ को भी नज़रअंदाज करते हैं।

ये आप छोटे business man हैं और आपने अपने business और personal finance को अलग-अलग नहीं कर रखा हैं तो निश्चित मानिए business में दिक्कते आने पर आपके personal finance पर असर पड़ना तय हैं। आपके business goals होने चाहिए, जो personal goals के लिए भी मददगार हो। दोनों क्षेत्रो में अपनी वितीय स्थिति अच्छी तरह manage कर सके, इसके लिए इन बुनियादी बातोँ का ध्यान रखना चाहिए।



Business के लिए अलग से रखे emergency fund

Business में वेतन भोगी की तरह हर महीने salary नहीं मिलती, कुछ महीनो में आपके खर्च आपकी income से अधिक होते हैं कई business लोन पर भी संचालित होते हैं। यदि आपका नकदी के प्रवाह पर नियंत्रण नहीं हैं या इसको अलग करके नहीं रखा हैं तो business से related खर्चो के लिए आपको savings से पैसे निकालने पड़ सकते हैं। यह अच्छी आदत नहीं हैं इसकी पूर्ति के लिए कम से कम छह महीने का emergency fund बनाना चाहिए।


सभी तरह के risks के लिए उचित बीमा कवर ले

आपको अपने जीवन स्वास्थ्य और दुर्घटना जैसे निजी risks के अलावा business में आग-चोरी, कर्मचारियों के विश्वासघात-एक्सीडेंट आदि जोखिमो का सामना करना पड़ता हैं। वही आपको यदि कुछ हुआ हो तो लेनदारो के जोखिम को भी मैनेज करने की जरुरत होती हैं। इन सभी जोखिमो को बीमा कंपनी पर transfer करना चाहिए और जहाँ लेनदारो का जोखिम हो वह जीवन बीमा पालिसी “married woman property act” के तहत खरीदनी चाहिए, इससे बीमा claim की राशि पर जीवन-साथी और बच्चों के अलावा कोई अन्य दावा नहीं कर सकेगा। परिवार के लिए उचित बीमा कवर ले इससे आपात स्थिति आने पर business वितीय रूप से प्रभवित नहीं होगा।

कर्मचारियों के तरह करे काम

Business में अनुशासित बने रहने के लिए बेहतर यही हैं की खुद को salary दे, इससे अधिक काम करने की प्रेरणा मिलती रहेगी। अगले साल वेतन बढाया भी जा सकता हैं business अच्छा चला तो खुद को bonus भी दे सकते हैं। business से सम्बंधित हर तरह की गतिविधियों की planning पहले से बना कर चले इससे आपको personal finance की planning में मदद मिलेगी मासिक आय और खर्च मालूम होने से आप अपनी बचत का personal finance के लिए प्रभावी तरीके से use कर पायेंगे।


Accountant और adviser में फर्क समझे

हर professional के पास अपने खास क्षेत्र की expertise होती हैं और एक व्यक्ति सभी क्षेत्रो का expert नहीं हो सकता charted accountant जहां आपके खातो को मैनेज करने, corporate act, audit आदि में आपकी help कर सकता हैं वही एक finance planner “Risk management”, “Investment planning” आदि में आपका मार्गदर्शन कर सकता हैं ये दोनों ही अलग-अलग areas के expert होते हैं इसलिए कौनसी सलाह किस expert से लेनी हैं यह मालूम होना चाहिए यदि आप सही answer चाहते हैं तो सही व्यक्ति से question करें।

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