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Facts of Subconscious Mind in Hindi

Facts of Subconscious Mind in Hindi

 Subconscious माइंड क्या-क्या करता है ?

नमस्कार दोस्तों आपका स्वागत है इस ब्लॉग पर , आइये जानते हैं Subconscious Mind के मैजिक के बारे मे ये क्या-क्या करता है ? (Facts of Subconscious Mind in Hindi)

1. हमारा subconscious mind हमारे शरीर का 99% बीमारियों को ठीक करने मे सक्षम होता हैं । फिर भी हम अपने ऊपर विश्वास नहीं करते और फिर भी हमारा subconscious mind, जब हम सोते हैं तो उस वक्त हमारी बीमारी को वो ठीक करते रहता हैं । 

2. हम जो भी दिल से फील करते हैं वो हमारा subconscious mind फील करता हैं यानि की हमारा Subconscious mind महसूस करता है । इसीलिए जो काम हम महसूस करते हैं वो काम जल्दी होने लगता हैं । कहा जाता हैं कि फैसले दिल से लेने चाहिए दिमाग से नहीं ।

3. दुनियां में जितने भी सक्सेसफुल इंसान हैं, वो सब अपने subconscious mind का ही प्रयोग करके सक्सेसफुल हुए हैं । क्योंकि वो दूसरे लोगो की conscious mind और उनके behaviour को जल्दी ही पढ़ सकते हैं।

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4. हम किसी भी दबाव में रहकर, जब भी कोई काम करते हैं तो हमारा subconscious mind नेगेटिव महसूस करता हैं। इसीलिए उस कार्य को हम फ़ोकस के साथ नहीं कर पाते और हम निष्फल हो जाते हैं । हो सकता हैं आप कभी अच्छे कर ले, लेकिन हमेशा नहीं, इसीलिए किसी भी काम को दबाव में रहकर नहीं करना चाहिए।

5. अगर हम किसी फील्ड में सक्सेसफूल बनना चाहते हैं तो हमें उसमें मिलने वाले नेगेटिव एंगल के बजाय पॉजिटिव एंगल को देखना चाहिए, ताकि हमारा subconscious mind सक्सेसफूल बनाने की संभावना को ज्यादा बढ़ाए ।

6. अगर हमें टेलीपैथी के नज़दीक जाना है तो हमें हमारे आज के विज्ञान को, आज के साइंस को subconscious mind के बारे में ज्यादा खोज करने होंगे क्योंकि टेलीपैथी हमारे subconscious mind का एक छोटा सा भाग होता हैं ।

7. हम अपने जीवन मे subconscious mind को जितना यूज करते जाते है। उतना ही हमारा इम्यून सिस्टम मजबूत होता जाता है क्योंकि हमारा शरीर का सारा ब्लड सर्कुलेशन सिस्टम हमारे subconscious mind के कंट्रोल में होता हैं।

8. अगर हमने कोई Goal सेट किया हैं, subconscious माइंड के साथ कम्यूनिकेट करके, तो फ़िर चाहे हमारे जिंदगी में कितनी भी प्रॉब्लम क्यों ना आ जाये वो हमें संभालता हैं और हमारा साथ देता हैं और हमें हमारा गोल अचीव करवाता है।

9. अगर एक Students को अपने पढ़ाई में ज्यादा ध्यान देना है तो उसे उस सब्जेक्ट मे इंट्रेस्ट बढ़ाना चाहिए क्योंकि हम किसी भी चीज को इंटरेस्ट के साथ करते हैं तो हमारा subconscious mind ज्यादा फ़ोकस करने में हेल्प करता हैं।

10. अगर हम अपने subconscious mind को जल्दी एक्टिवेट करना चाहते हैं तो आप जो भी सोचते है। उसे लगातार सोचते रहे,  क्योंकि हमारा conscious mind जो भी सोचता है उसके अनुसार subconscious mind रियेक्ट करता हैं ।

11. हमारा subconscious mind जॉइंट मेमोरी स्पेस रखता हैं क्योंकि बायोलॉजिस्ट के अनुसार मस्तिष्क मे 90 अरब तंत्रिका कोशिकाएं होती है । जिन्हें अरबो कनेक्शन बिन्दुओं के साथ synapses जाता हैं । लेकिन सोचने की बात ये हैं कि हमने कल क्या खाया था,कौन सी चीज कहाँ पर हैं, ये तक भूल जाते हैं ।

12. हमारे शरीर को 95% subconscious mind ही संभालता हैं । क्योंकि हम अपने मेमोरी के लिए अपने दिमाग के कुल क्षमता का 5% ही इस्तेमाल कर पाते हैं । इसका मतलब ये हुआ कि हमारा subconscious mind बाकी के 95% को  कंट्रोल करता हैं। भले ही हम इसे न जानते हो लेकिन हमारा subconscious mind हमेशा एक्टिव रहता हैं, जिसे हमारा conscious mind नहीं जानता।

13. हमारा Subconscious माइंड एक पूरी की पूरी लाइब्रेरी के जितना डाटा स्टोर कर सकता हैं । क्योंकि हमारा अवचेतन मन एक गिनोरमस मेमोरी बैंक हैं। जो आपके साथ हो रही सभी घटनाओं को काट-छाट करके उसे स्टोर करता हैं । जब कोई भी इंसान 21 साल का होता हैं । तब तक उसके सबकॉन्सियस माइंड में स्टोर डेटा की संख्या इनसाइक्लोपीडिया ब्रिटानिका में स्टोर डेटा से सौ गुना ज्यादा हो जाती हैं । एंसीयक्लोपीडिया ब्रिटानिका जिसके 32  वॉल्यूम हैं, 32640 pages और 40 million Topics लिखे जा चुके हैं  ।

14. हमारा subconscious mind सिर्फ़ प्रेजेंट टाइम को ही जान पाता हैं क्योंकि subconscious mind के लिए पास्ट और फ्यूचर एक्सिस्ट नहीं करता। subconscious mind अगर कोई चीज़ समझता हैं तो वो हैं प्रेजेंट, अगर आप अपने कॉन्सियस माइंड को कोई काम कहते है। जो कल या परसों करना है तो subconscious mind उसे याद नहीं रख पायेगा। लेकिन आपको कोई काम अगर आज करना है और कॉन्शियस माइंड उसके लिए एक्टिव होता हैं तो subconscious माइंड अपने आप एक्टिव हो जाएगा ।

15. हमारे  subconscious माइंड में हमेशा डेटा अटैक होता रहता हैं। Neuro- Linguistic Programming जिसे NLP मॉडल कहा जाता हैं । जिसके अनुसार हर एक सेकंड में मनुष्य  के दिमाग मे 2 मिलियन से अधिक डेटा पहुँचता हैं । ये subconscious माइंड का काम हैं कि दिमाग के इतने सारे डेटा को फ़िल्टर करने में मदद करे। नहीं तो चेतन मन यानी की आपका कॉन्शियस माइंड extremly ओवरलोडेड होने के वजह से अपने बाकी काम भी नहीं कर पाएगा । 

16. हमारा subconscious mind सोने से 15 मिनट पहले एक्टिव हो जाता हैं। सोते समय 15 मिनट पहले जहाँ मन और शरीर शांत होना शुरू हो जाता हैं मास्पेसियाँ ढीली हो जाती हैं और सांस लेने मे अधिक आराम मिलता हैं ये वे जगह हैं जहाँ मस्तिष्क Alfa तरंगो का उत्पादन करता हैं। जागने और सोने के 15 मिनट के इस टाइम मे हर सेकंड मे 7 से 14 इलेक्टिकल वेव ट्रेवल करती हैं । इसी दौरान subconscious mind काम करना शुरू करता हैं क्योंकि subconscious mind सबसे ज्यादा एक्टिव हमारे सोते समय ही होता हैं ।

17. हमारा subconscious mind वास्तविक और कल्पना में कोई अंतर नहीं कर पाता हैं। हमारा conscious मन ही इसे एनालिसिस करता हैं । एक स्टडी में ऐसा पाया गया हैं कि दो ग्रुप को पियानो बजाने को कहा गया । एक ग्रुप के पास रियल पियानो था और एक को बस इमेजिन करना था कि वो पियानो बजा रहा हैं ।  बाद मे इन दोनों ग्रुप का ब्रेन टेस्ट किया गया इससे ये पता चला कि दोनो का subconscious mind एक ही तरह रियेक्ट कर रहा था । Subconscious माइंड रियल और इमेजिनरी में डिफरेंस नहीं कर सका।

18. सब्सकॉन्सियस माइंड लॉजिकल नहीं होता क्योंकि हमारा कॉन्स्कीयस माइंड लॉजिकल चीज़े सोचता और करता हैं लेकिन हमारा सब्सकॉन्सियस माइंड कभी भी लॉजिकल नहीं होता। लेकिन इसके लिए परेशान होने की जरूरत नहीं हैं । हमारे सपने या डिजायर सुरुवात मे कभी भी लॉजिकल नहीं होते हैं । क्योंकि पहले स्टेप मे ही हमारे सबकॉन्स्कीयस माइंड मे होते हैं । बाद मे कॉन्स्कीयस माइंड इसपे विचार करते हैं तो इसे लॉजिकल रूप देता हैं । जैसा कि अगर आप कोई फ़िल्म देख रहे हैं तो आपको पता हैं कि वो ड्रामा करता हैं फ़िर भी आप उसमें हस्ते हैं रोते हैं गुस्सा करते हैं । इसकी वजह हैं सब्सकॉन्सियस माइंड ।

19. सब्सकॉन्सियस एक स्टोर रूम के तरह होता हैं क्योंकि सब्सकॉन्सियस हमारे अस्तितिव के सभी डेटा को चाहे वो हमारे जन्म से पहले के हो या हमारे पिछले जन्म का हो सभी का इकठ्ठा करता हैं हमारा कॉन्स्कीयस माइंड कई यादो को खत्म कर सकता हैं लेकिन हमारा आवचेतन मन यानी कि हमारा सबकॉन्सिओइस माइंड ऐसा नहीं करता हमारे आस पास जो भी होता हैं उसके लिए हमारे सब्सकॉन्सियस माइंड सतर्क रहता हैं ।

20. हमारे सब्सकॉन्सियस माइंड के लिए 2 से 7 साल की उम्र बहुत ही नाजुक होती हैं क्योंकि दुनिया से हमारे अधिकांश मान्यताएं 2 से 7 साल के उम्र के दौरान बनते हैं । यहीं वजह हैं कि बच्चों को सही चीज़े सीखना बहुत जरूरी हैं । यही चीज़े हमारे डीएनए मे ऐड होती हैं और फ़िर इनको बदलना बहुत मुश्किल होता हैं । इसीलिए 2 से 7 साल के उम्र बहुत नाजुक मानी जाती हैं ।

21. हमारा सब्सकॉन्सियस माइंड हमेशा काम करते रहता हैं क्योंकि हमारा कॉन्स्कीयस माइंड तब काम करता हैं जब हम जाग रहे होते हैं । जब हम सो रहे होते हैं तबभी हमारा सब्सकॉन्सियस माइंड काम कर रहा होता हैं । बल्कि जबतक हम सो रहे होते हैं तब तक हमारा सब्सकॉन्सियस माइंड एक्टिव होता हैं । और ये उस दौरान ज्यादा काम करता हैं सब्सकॉन्सियस माइंड इस वक्त वो सब काम करता हैं जो पूरे दिन नहीं कर पाता क्योंकि तब हम कई तरह के काम मे अपने दिमाग को उलझा कर रखते हैं ।

22. सब्सकॉन्सियस माइंड के बिना भाषा नहीं रहेगी क्योंकि हमारी जो भाषा हैं, जो भी हम बोलते हैं वो हमारे सबकॉन्सियस माइंड के वजह से बोलते हैं । अगर हमारी याददाश चली जाती हैं तो हम बोल भी नहीं पाएंगे क्योंकि हमारी भाषा भी याददाश के साथ चली जाएगी और हमारा याददाश सब्सकॉन्स्कीयस माइंड ही कंट्रोल करता हैं ।

23. सब्सकॉन्स्कीयस माइंड दूसरे के बेहवीयर को पहचानती हैं क्योंकि हम कई बार अपने सामने वाले आदमी को देखकरया उससे बात करके या उसके चलने पहनने के स्टाइल से बता देते हैं कि सामने वाला इंसान कैसा हिता हैं । ये हमारे सुबकॉन्स्कीइस के वजह से होता हैं ।

24. हमारे सब्सकॉन्सियस माइंड मे अलग अलग सेल अलग अलग काम करते हैं क्योंकि जब हम काम कोई करते हैं तो  काम के अककॉर्डिंग हमारा ब्रेन के कुछ हिस्से एक्टिव हो जाता हैं । फिर जब हम किसी दूसरे काम मे लग जाते हैं तो ब्रेन के वो हिस्से ऑफ हो जाते हैं और दूसरे ऑर्ट्स ऑन हो जाते हैं ये तो सभी जानते हैं लेकिन जब हम सांत होकर बैठे होते हैं तो हमारे दिमाग़ के कुछ हिस्से एक्टिव होते हैं इसकी खोज 2001 मे डॉ मार्कस रेचल ने की थी । ब्रेन के इन पार्ट्स को डॉ मार्कस ने  डिफ़ॉल्ट मोड नेटवर्क कहा हैं ।

25 . हमारा सब्सकॉन्सियस माइंड दो कदम आगे रहता हैं क्योंकि हम अभी जो भी काम कर रहे हैं और अभी से कुछ मिनट बाद हम जो भी कम करेंगे उस काम के लिए हमारा सब्सकॉन्स्कीयस माइंड अभी ही एक्टिव हो जाता हैं। मतलब अगर अभी से 2 मिनट बाद आपको कोई काम याद आता हैं। जिसे आप करना भूल  गए  थे तो उसके लिए आपका दिमाग अभी से ही प्रोग्रामिंग कर रहा हैं वो काम आपके सब्सकॉन्स्कीयस माइंड में अभी ही आ चुका हैं ।

26. हम सब्सकॉन्स्कीयस माइंड का यूज़ अपने फायदे के लिए कर सकते हैं क्योंकि आप अपने सब्सकॉन्स्कीयस  माइंड को जैसे चाहे वैसे ट्रीट कर सकते हैं अगर आप नेगेटिव सोचते हैं तो सबकॉन्स्कीयस माइंड उससे दो कदम  आगे बढ़कर सोचने लगेगा। अगर आप कुछ पॉजिटिव सोचते हैं तब भी आपका सब्सकॉन्स्कीयस माइंड ज्यादा सोचेगा आप जो भी इमोशन सब्सकॉन्स्कीयस  माइंड मे लाएंगे वो उसी को आपका सब्सकॉन्स्कीयस माइंड बड़ा करके रिफ्लेक्ट करेगा इसीलिए आप अपने सबसकॉन्स्कीयस माइंड को अपने फायदे के लिए इस्तेमाल कर सकते हो पॉजिटिव सोचकर ।

हमारे सब्सकॉन्स्कीयस  माइंड मे रैंडम थॉट्स आते हैं कैसे थॉट्स आते हैं आइये समझते हैं क्या कभी ऐसा होता हैं कि आप किसी काम मे लगे हो या कोई काम कर रहे हो या टीवी देख रहे हो और अचानक आपको कोई याद आ जाये और किसी की बात याद आ जाये जिसका सिचुएशन से कोई रासायिओं नहीं हैं । ये थॉट्स आपके सब्सकॉन्स्कीयस  माइंड के वजह से आते हैं और ऐसा नहीं हैं कि थॉट्स हमेशा मीनिंगलेस होते हैं । न्यूरो साइंटिस्ट इसे इंटरूसिवे थॉट्स कहते हैं । इनका कहना हैं कि आपको अगर एक ही थॉट्स या एक ही सपना बार बार आता हैं तो इसका मतलब हैं कि आपका सब्सकॉन्स्कीयस आपको कोई मैसेज देना चाहता हैं।

दोस्तों मैं आशा करता हूँ ये पोस्ट Facts of Subconscious Mind in Hindi आपको पसंद आया होगा।

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